Sunday 26 June 2016

! ! शिवराज सिंह चौहान ने पत्रकारों को जो ‘तोहफ़े’ में दी 60 रुपये वर्गफ़ुट में ज़मीन क्या इनके बाप की थी ! !

कड़वा सच !
! !शिवराज सिंह चौहान ने पत्रकारों को जो ‘तोहफ़े’ में दी 60 रुपये वर्गफ़ुट में ज़मीन क्या इनके बाप की थी ! !
मध्यप्रदेश के तमाम पत्ररकारों का खामोश हो जाना यही वजह है कि 40 क़त्ल वाले व्यापम यज्ञ के बावजूद मीडिया में कभी मुख्यमंत्री के ख़िलाफ़ वैसी निशानेबाज़ी नहीं दिखती जैसे कि दिल्ली के छोटे से छोटे मामले में केजरीवाल के खिलाफ दिखती है। कारावाँ पत्रिका के ताज़ा अंक में एक दिलचस्प स्टोरी छपी है जो बताती है कि शिवराजसिंह चौहान पत्रकारों को साधने में किस कदर उस्ताद हैं। उनकी सरकार ने 300 से ज़्यादा पत्रकारों के दो आवासीय समितियों को 60 रुपये वर्गफुट कीमत पर रिहायशी ज़मीन दे दी। तर्क यह बना कि ऐसा ही उदारता जजों की आवासीय समिति पर दिखाई गई थी…! पढ़िये यह रिपोर्ट–
''कारवाँ'' के जून अंक में आने वाली कवर स्टोरी के लिए मध्यप्रदेश में रिपोर्टिंग कर रहे थे।
तब कवर स्टोरी सेवानिवृत्त और कार्यरत जजों की एक रिहाइशी सहकारी समिति पर थी। हम पड़ताल कर रहे थे कि कैसे मध्यप्रदेश सरकार ने 2007 में भोपाल की एक प्राइम लोकेशन की ज़मीन इस समिति को लीज़ पर बेहद सस्ती दरों पर आवंटित कर दी थी। इतनी सस्ती कि लगभग ये मुफ़्त थी। इस समिति के सदस्यों में हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज चंद्रेश भूषण भी शामिल थे जिन्हें बाद में व्यापम घोटाले की जांच के लिए गठित SIT का मुखिया बनाया गया। इस समिति के लिए ज़मीन की दर 60 रुपए प्रति स्क्वायर फुट या 6 सौ रुपए प्रति स्क्वायर मीटर रखी गई जिसे सीएम शिवराज सिंह की अगुवाई वाली कैबिनेट से मंज़ूरी दे दी गई थी।
उसी दौरान दो और समितियों को कम दाम पर ज़मीनें लीज़ पर दी गईं थीं। दोनों समितियां पत्रकारों ने बनाई थीं। जजों की समिति के लिए आवंटित ज़मीन की लीज़ को राज्य की कैबिनेट ने 2008 में पास कर दिया था। वहीं राजधानी पत्रकार गृह निर्माण सहकारी समिति को 11.6 एकड़ ज़मीन भोपाल एयरपोर्ट के पास दी गई और अभिव्यक्ति गृह निर्माण सहकारी समिति को बावड़िया कलां एरिया में 6.3 एकड़ ज़मीन दी गई। (राजस्व विभाग के मुताबिक उस समय बावड़िया कलां में रिहाइशी कॉलोनी के लिए ज़मीन की तय कीमत 3 हज़ार रुपए प्रति स्क्वायर मीटर थी।)
इन दोनों मामलों में प्रशासनिक प्रक्रिया उसी तरह ताक पर रखी गई जैसे जजों की समिति के मामले में किया गया था। । । फरवरी 2009 में अभिव्यक्ति सोसायटी के अध्यक्ष दिनेश गुप्ता ने राजस्व विभाग को चिट्ठी लिखकर जजों की समिति का हवाला देकर याद भी दिलाया कि उनकी समिति के साथ भी वैसा ही व्यव्हार किया जाए।
पत्रकारों की इन दोनों समितियों में लगभग 300 नाम शामिल हैं। जो शिवरजसिहजी की स्तुति में व्यस्त है मस्त है !
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Tuesday 14 June 2016

श्रदेय नारायणप्रसादजी शुक्ला ! भैय्या ! के द्वितीय पूण्य स्मरण दिवस पर हार्दिक श्रध्दा सुमन !!

मालवा के ब्राह्मणो के  आदर्श चरित्र  गृहस्थ  संत  राजनीतिक  सूझबूझ  और  संभावनाओं के   भविष्य   द्रष्टा परम  श्रदेय  नारायणप्रसादजी  शुक्ला !  भैय्या !  के द्वितीय  पूण्य   स्मरण   दिवस  पर   हार्दिक  श्रध्दा  सुमन  !!
निम्न  मध्य्यम्वर्गीय  परिवार में  जन्मे  नारायण  भाई   शेशव  से  यौवन तक एक  सामन्य प्रवृत्ति  के  व्यक्ति थे  ! लेकिन  अपने  विद्यार्थी  जीवन  में  विश्व्विद्यालयिंन   शिक्षा  के  दौरान  १९५२  में  नारायण  भाई की  अगुवाई  में  हुए  ऐतिहासिक छात्र  आंदोलन  में  घटित  गोलीकांड  ने  भैय्या  को  राजनीतिक व्यक्ति बना दिया !  उसके बाद  इंदौर  के महापौर   प्रदेश सरकार  में विधान सभा उपाध्यक्ष  फिर गृह  राज्य  और सुचना  प्रसारण मंत्री  तक का निष्कलंक  सफर रहा  ! परम  भगवती  उपासक  भैय्या की  राजनीतिक सूझ   बुझ   का  लोहा   तत्कालीन  राजनीती के  बड़े बड़े  दिग्गज  भी   मानते  थे आपको  राजनीती में  ब्राह्मणवाद  के  प्रणेता  के   रूप   में   देखा जाता  है ! तात्कालीन   राजनीती के  चाणक्य  कहे जाने वाले  पं   द्वारकाप्रसादजी  मिश्र   आपसे  पुत्रवत  स्नेह  रखते थे  और शायद  इसीलिए  भैय्या  की राजनीती  शैली  पं मिश्रजी से पूरी तरह  प्रभावित  रही !  उन्ही की भाँती  भैय्या भी  जीवनपर्यंत   अप्रत्यक्ष   रूप से  राजनीती में अपना दखल  बनाये   रखते  हुऐ   अपने  अनुयायियों  को   राजनीतिक   उपलब्धियां   उपलब्ध  कराते  रहे !! ऐसे   संत   ह्रदय  भैय्या  के  पूण्य स्मरण  दिवस   १५  जून पर  हार्दिक   श्रंदाजलि  !!



Saturday 11 June 2016

अलका और प्रदीप के प्रेम और आदर्श के 26 साल !

अलका और प्रदीप के प्रेम और आदर्श के 26 साल !
मित्रो ! औदुंबर ब्राह्मण समाज के पूर्व अध्यक्ष संत ह्रदय साथी प्रदीप जोशी एवं प्रगतिशील विचरो वाली आदर्श ग्रहणी श्रीमती अलका जोशी के साथ आज से 26 वर्षो पहले औदुंबर समाज की धर्मशाला में आयोजित परिचय सम्मेलन में जो क्रन्तिकारी सुखद हादसा हुआ उसकी मिसाल नही दोनों वर वधू को भी पांच मिनिट पहले तक अहसास नही की चंद घडियो में स्टेज पर वरमाला पहनाकर उनका आदर्श विवाह होने वाला हे ! मौजूदा जन सैलाब के उत्साह और उमंग को शिरोधार्य कर वर माला पहनाकर आदर्श विवाह कर समाज को नई दिशा देने का काम भाषण से नही आचरण से दिया हे इन दोनों ने इसकी जितनी प्रसंशा की जाये कम है ! मेरी राजेश शुक्ला और मनोज जोशी की इस विवाह में महती भूमिका रही जिसकी हमे आज भी प्रसन्नता है !लेकिन मुझे अफसोस है की सारे समाज औरउसके तथाकथित कर्णधारो की मौजूदगी में ये प्रसंशनीय कार्य हुआ ! परन्तु इनकी सराहना और सम्मानकी आज तक समाज ने पहल नही की इस आयोजन में बतौर अतिथि स्व सदाशिव दुबे और वरिष्ठ पत्रकार सतीश जोशी भी उपस्थित थे !
इस ब्लाक का उदेश्य आलोचना नही नई पीढ़ी को अवगत करना और पेरणा देने का है !