Thursday 21 September 2017

ये सरकार तो औरंगज़ेब की भी बाप हो गयी ?

मोदी और  शाह  देश और पार्टी को  सौदागर की तरह चला रहे  ?,  बाबा रामदेव  योग  शिविर  छोड़  डिस्ट्रीब्यूटरो  को   सेल्स   के गुण   सीखा रहे ? सारे चुनावी  वादे  कहाँ गये  दो करोड़  रोजगार  जो हर साल पैदा  करने का वादा किये , नौजवान बच्चे  मन्दी की मार  से  पन्नाह  मांग  लिये ,  छटनी की तलवार पर जीवन काट रहे ? नोटबंदी   फेल  हो गयी ,  बैंके   निढाल हो गयी   लडख़ड़ाती  बैंको  के लिए मिनिमम  बेलेन्स  मेंटेन  न करने पर पेनल्टी   बैंको  को बचाने हेतु  ढाल हो  गयी ,  अपनी जमा रकम पर  अपन  जजिया  कर  दो  , ये सरकार  तो  औरंगज़ेब की  भी  बाप हो गयी ?

Monday 11 September 2017

हिन्दू राष्ट्रवादियों को तानाशाही का मतलब तब समझ में आएगा..???.

 नोटबंदी करके  मोदीजी  फुले  न समाये  ... व्यापार-कारोबार का भट्टा बिठाया... विकास दर को नीचे गिराया... मजदूरों को बेरोजगार बनाया... नौकरियों को घटाया... पढ़े-लिखों  नौजवानो , सेल्फ एम्पॉलईयो  और मध्यमवर्गियो  पर  बैंक में     अपने ही जमा पैसे पर  मिनिमम  बेलेंस  के नाम का जजिया  कर लगाया ?  पेट्रोल  डीजल  अम्बानी  को देश की जनता का खून  पिलाया ? आम  आवाम को भूखे मरने पर मजबूर कराया.?.. अभी तो आंकड़ों में परिणाम सामने आया... अब जब जगह-जगह त्राहि मचेगी... छोटे व्यापारी-कारोबारी पर तालेबंदी की लहर चलेगी... उद्योगों की चिमनियों का उठता धुआं जब दम तोडऩे लगेगा... निरुत्साही कारोबारी जब कम कारोबार कर झंझटों से मुक्ति की जुगत ढूंढने लगेगा तब मोदीजी आपकी अनुभवहीनता और तानाशाही का पता दुनिया को चलेगा... देश जुमलों और संवादों से चलाया जा रहा है.. मीडिया को तोता बना दिया गया है... जो रटे-रटाए संवाद बोलकर भटेतगीरी करता नजर आता है... मोदीजी में इतना अहंकार भर दिया कि वो आलोचना बर्दाश्त नहीं कर पाते हैं... नसीहत तो दूर सुझाव तक देने वाले को ठिकाने लगा  दिये जाते  हैं... इसलिए सारे के सारे खामोश रहने में ही अपना भला मानते हैं... विपक्षी भी उनकी ताकत और हिमाकत को पहचानते हैं...   ... बड़े-बड़े कांग्रेसी भी विरोध की औपचारिकता निभाते हैं..?. ...    भविष्य की इस आशंका को पहले ही व्यक्त कर दिया था...? लेकिन .... आगे बढ़कर पीछे हटने को अपनी हार मानने वाली सरकार ने अपनी जीत के लिये देश को हरा दिया... असली तो असली नकली नोटों का बोझ देश पर लाद दिया..?. आतंकवाद मिटाने और नकली नोट चलन से हटाने की लफ्फाजी सामने आ गई... 99 प्रतिशत धन बैंकों में आ गया... कालाधन कहां गया.?.. इस नाकामी से खिसियाई सरकार ने जीएसटी का कानून लाद दिया... कानून तो कानून हर माह खरीदी-बिक्री के हिसाब-किताब का बोझ व्यापारियों पर बढ़ा दिया... सरकार की इस मूर्खता का परिणाम यह है कि अब कोई व्यापार-कारोबार करना नहीं चाहता है... कम कमाने और चैन की नींद सोने  का यह भाव जब देश में छा जाएगा ? तब संगठित व्यापार देश पर हावी हो जाएगा... मल्टीनेशनल कंपनियों के लिए मार्ग खुल जाएगा... देश फिर ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रवेश की तरह   चंद  मुठीभर  लोगो की हाथ की कठपुतली  बन कर  रह  जाएगा..?. फिर विकास दर के आंकड़ों में केवल विदेशियों का विकास नजर आयेगा... तब  देश  की  जनता  को   और  उन  हिन्दू  राष्ट्रवादियों को जो  आज   सत्ता  की बंदरबाट  में तल्लीन है , मनमानी, नादानी, तानाशाही का मतलब तब समझ में आएगा..???.  

Saturday 9 September 2017

शिवराजजी ने इतनी हायतोबा मचाई , ?

कड़वा सच ? अमित शाह के भोपाल दौरे में यह स्वीकारने के बाद की मध्य्प्रदेश में अफसर शाही हावी है, शिवराजजी ने    
हड़बड़ा कर  इतनी हायतोबा मचाई , राजस्व न्यायालयों में चरम पर हो रहे भ्रष्टाचार से निपटने हेतु मुख्य सचिव को भिजवाया दो एस डी एम् और एक तहसीलदार को निलंबित कर प्रदेश में अपना सिक्का जमाया ? लेकिन ४८ घंटे में अफसर शाही ने अपना रंगा दिखाया ? दोनों एस, डी, एम् चौबीस घंटे में ही ९९ प्रतिशत टैक्स वसूल कर लाये ऐसा बताया / और तहसीलदार ने माफ़ी मांगली , तीनो को बहाल कर दिया ? अब पता नहीं किसने क्या पाया पर शिवराजजी को इस ड्रामे में न नाम मिला न माया ? अधिकारी संघो ने अलग चमकाया ?

Friday 8 September 2017

बैंक लडख़ड़ाई लोन पर ५० प्रतिशत में ही समझौते पर आयी

 २० हजार करोड़ रु खर्च कर  नोट बंदी के ड्रामे के बाद, से बैंक लडख़ड़ाई   धंधा ,व्यापार सब चौपट होने से    बढ़ाता एन पी ए  नहीं संभाल पा रही ? ऊपर से  ३० हजार  करोड़ रु  जो नोट बंदी में  जमा हुए  , व्हाइट  हो गए  लोगो ने निकाला नहीं बैंक  को ब्याज देना भारी पड़   रहा ? ऐसी विकट स्तिथियो में  मिनिमम  बेलेन्स ने  संजीवनी का काम किया  मिनिमम बेलेंस मेंटन न कर पाने वाले मध्यम  वर्गीय  लोगो  से  पेनल्टी के नाम पर तीन माह में २३६ करोड रु   जबरन  वसूले   , क्योकि  गरीब  को तो प्रधान मंत्री  जन  धन  खाता 0 बेलेन्स  अमिर तो मॅक्झिमम  बेलेंस कार्पोरेट्स के ब्याज पेनल्टी कर्ज माफ़ और डूबती बेको को बचाने हेतु  ५० पतिशत लोन में  छूट  और ईमानदारी से  जीवन व्यतीत करने वाला मध्यम वर्गीय भुगते अपनी जमा पर बैंक को पेनल्टी  की मार   /