कडवा सच ।। प्रजातांत्रिक प्रणाली के लिये जरूरी है ,इन 24 उपचुनाव में जनता बागियों को सबक सिखाये, और इस गलत परिपाटी से प्रजातन्त्र को बचाए ,साथ ही दिल्ली तक यह खबर पहुचाये की ठीक चल रहा है , लेकिन सब कुछ ठीक नही चल रहा , ध्यान में लाना जरूरी आवाज लगाना जरूरी है , प्रजातन्त्र यदि कायम रखना है तो इन्हें सबक सिखाना मजबूरी है ।।
Thursday 3 September 2020
Sunday 9 August 2020
मध्यमवर्ग से की मोदी ने बेवफाई
कडवा सच ।। प्रधान मंत्री फिर एक बार किसानों के लिए लाखो करोड़ो का पैकेज की घोषणा कर रहे , कारपोरेट जगत को भी तमाम रियायत दे रहे , लेकिन क्या सिर्फ ये ही सरकार बनवाने वाले है , जबकि भजपा समर्थक और मोदी अंधभक्त मध्यमवर्गीय और निम्न मध्यमवर्गीय तबका कॅरोना के कारण आज सबसे ज्यादा पीड़ित है , शासकीय सेवको को छोड़ बाकी छोटे व्यवसायी , सेल्फ एम्प्लाई प्रायवेट नोकरी पेशा लोगो की व्यथा असहनीय है , और ये समाज का वो मर्यादित तबका है जो मांगने के नाम से ही मर जाता है अपने हक के लिए लड़ना भी इसे नही आता है,। नवजवानों की प्रायवेट जॉब जा रही तनख्वाह आधी भी बमुश्किल नही दी जा रही , इनके अपने परिवार के खर्चे चलाना मुश्किल उस पर कर्ज ,का बोझ विवाह बीमारी ,अन्य पारिवारिक आवश्यकताओं के लिए लिया गया अनुत्पादक एम्प्लाईयो की संस्थाओं , जाती समाज की साख संथाओं, को,आप सोसायटी बैंक के ऋण की किश्ते उस पर 14 प्रतिशत ब्याज , लेकिन इनका न करे कोई मूल तो दूर ब्याज भी माफ , इन्हें किसी प्रकार की भी कोई राहत न रहनुमाई सारी महगाई , की मार भी इनके ही माथे आई ,पेट्रोल डीजल गेस सब पर जमकर दे रहे ये टेक्स ,बिजली बिलों से इनकी है आंख चुंधयाई , इन पर तो भारी शामत आई , इनके पास आत्म सम्मान के लिये , आत्महत्या के अलावा कोई रास्त नही बचा , इन्हें मोदी और भजपा से प्यार बहुत मंहगा पड़ा अब आगे निर्णय सोच समझकर लेना होगा , देश अब हिन्दू मुस्लिम करने वालो के नही मध्यमवर्ग की मुसीबत समझने और दूर करने वालो के हाथों में देना होगा ।
Monday 3 August 2020
ऐसे थे हमारे सतीश दादा ।।
सतीश दादा को में उनके।सहकर्मी के रूप में अक्सर मजाक में मैं जितेंद्रिय कहता था, जिसने अपनी इंद्रियों को जीत लिया है ,।
सतीश दादा को कोई व्यसन chu नही पाया, मेने वर्षो साथ सहकर्मी ,नजदीकी होने के बाद भी कभी दादा को कोई चीज की लालसा, महत्वकांशा, ईर्ष्या बुराई चुगली , यहां तक कि झूठ नही बोलने पर भी विजय हासिल थी , एक मोके पर हम दोनों ही सिर्फ उपस्तिथ थे, एक व्यक्ति आता दिखा मेने छुपते हुए दादा से कहा दादा मना कर देना ,दादा झूठ नही बोलते थे तभी, में छुप गया आगन्तुक ने पूछा धीरज कहाँ है , दादा बोले मुझे नही मालूम , कब आता मुझे नही पता , आगन्तुक बोला तुम्हारे साथ नोकरी करता तुम्हे नही मालूम, दादा का अपनी शैली के मुताबिक सपष्ट जवाब , मुझे इस बात की तनख्वाह बैंक नही देती,।वो आधे घंटे बैठा रहा ,दादा ने एक शब्द भी उससे बात नही की ,
थक हार के आधे घंटे बाद में सामने आया , मुझे देखते ही आगन्तुक चिल्लाकर बोलो कोन हे ये यार ढंग से बात ही नही करता , जब मैने पूरा वाकिया बताया और उसे मालूम हुआ इस युग में भी झूठ नही बोलने वाला मिला उसने दादा के प्रति बहुत सम्मान प्रगट किया ,वो व्यक्ति तब भी शहर।की सेलेब्रेटी थे आज भी है ।ऐसे थे हमारे सतीश दादा उनकी स्पष्टवादिता से बैंक का मैनेजमेंट घबराता था । ऐसा मित्र सतीश माधवराव जोशी व्यासफ़ल जूनि इंदौर हमारे बीच अब र
नही रहा परमात्मा उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे ।
Wednesday 1 July 2020
6 साल , हिन्दू ,मुसलमान, पाकिस्तान ,गाय और गोबर में चले गये ।
सिर्फ हिन्दू ,मुसलमान करने से कुछ नही होगा , इसकी आड़ में जो हो रहा देखो पड़ो समझो ,
मोदी सरकार का 6 साल का कच्चा चिट्ठा ,,,,,,,,,
मोदी जी के P.M बनने के बाद पड़ोसी राष्ट्रों को जो खैरात बांटी थी और फिजूलखर्ची का लेखा-जोखा.*...
भूटान को 10,000 करोड मंगोलिया को 70,000 करोड'
बांग्लादेश को 15,000 करोड मोरेसीयस को 5,000 करोड नेपाल और आफ्रिकी देशो मे 39 अरब
सरदार स्टेच्यू के लीये 3000 करोड
उद्योगपतियों का ऋण माफ 5 लाख 55 हजार करोड
मोदी की विदेश यात्राओं का ख़र्च 3500 करोड से ज्यादा
BJP का मुख्यालय का ख़र्च 1350 करोड
मोदी और BJP के विज्ञापन प्रति वर्ष 1200करोड़ ×6वर्ष =₹7200 करोड से भी ज्यादा
मोदी की सुरक्षा में 24 घंटे का खर्च 1 करोड़ 62 लाख रुपये है। यानी एक साल का 591 करोड़ 30 लाख रुपये
USA प्रेसिडेंट ट्रम्प के स्वागत के लीये 180 करोड
मोदी का पूरा रिपोर्ट कार्ड*(अगर गलत लगे तो गुगल पर जाकर देख लेना)
आप यह देखकर चौंक जाएंगे कि पिछले 6 वर्षों में भारत कैसे बदल गया है,
1 भारत में पहले से ही उच्चतम बेरोजगारी दर है । और अब भयावह होने वाली है ।
भारतीय सैनिकों की शहीद की संख्या 30 वर्षों में सबसे अधिक है ।
भारत में अब 80 वर्षों में सबसे अधिक आय असमानता है (क्रेडिट सुइस रिपोर्ट)
महिलाओं के लिए दुनिया का सबसे खराब देश बन गया है ।
इस बार भारतीय किसानों को पिछले 18 साल में सबसे खराब कीमत का सामना करना पड़ा है ।
भारत अब विश्व का दूसरा सबसे असमानता वाला देश है , गरीब मध्यमवर्गीय दिन पर दिन गरीब और अमीर दिन प्रतिदिन अमीर हो रहा ।
भारतीय रुपया अब एशिया की सबसे खराब प्रदर्शन वाली मुद्रा है।
भारत के इतिहास में पहली बार, CBI बनाम CBI, RBI बनाम Govt, SC बनाम Govt के झगड़े इसलिए हुए क्योंकि मोदी , शाह सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं पर नियंत्रण चाहते हैं।
भारत के इतिहास में पहली बार, सुप्रीम कोर्ट के 4 जजों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि ”लोकतंत्र खतरे में है, हमें काम नही करने दिया जा रहा”
पिछले 70 सालों में असहिष्णुता और धार्मिक अतिवाद सबसे ज्यादा है
भारतीय मीडिया अब तक के वर्षों में सबसे निचले पायदान पर।
भारत के इतिहास में पहली बार, अगर आप मोदी सरकार की आलोचना करते हैं, तो आप पर देशद्रोही का लेबल लगता है जो की बहुत शर्मनाक है।
देश को खड़ा करने मे मोदी का किसी भी तरह का दो कौड़ी का भी योगदान नही है,। मोदी की सुरक्षा में 24 घंटे का खर्च 1 करोड़ 62 लाख रुपये है। यानी एक साल का 591 करोड़ 30 लाख रुपये।
आज *"चोर" और "चौकीदार" की बहस के बीच रोज़ी-रोटी, शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, भ्रष्टाचार, कालाधन, नोटबंदी, रोजगार, महंगाई आदि सभी मुद्दें उड़न छू हो गये हैं।
लेकिन ये तय है कि जब देश को बर्बाद करने वालों की सूची तैयार होगी तब इन दो वर्गों का नाम सबसे ऊपर होगा:-
1.बिकाऊ मीडिया
2. मूर्ख अंधभक्त
मोदी राज में बेच दिए गये ???
लाल किला बिक गया...
रेलवे स्टेशन बिक गये...
एयरपोर्ट बिक गये ... कोयले की खदानें बिक गयी ... रेलगाड़ी बिक गयी ...बन्दरगाह बिक गये ।।...
…....................................................................................
बेचने की तैयारी
● LIC बिकेगी ...
● IDBI बिकेगी ...
● एयर इंडिया बिकेगी ...
● BSNL बिकेगा ...
● ONGC बिकेगी ...
● Indian Oil बिकेगा ...
● HPCL बिकेगा ...
.............................................................................साहब कहते थे देश नहीं बिकने दूंगा और अब तो बस देश का नाम ही बचा है । बेचना बहुत आसान काम है पर इस सरकार नें एक भी सार्वजनिक उपक्रम बनाया हो कोई बता सकता है ??
क्या ऐसी व्यापारी सरकार जनता के हित में है ???
जनता को गम्भीरता से सोचना होगा ??? इस सरकार की खास विशेषता यह है कि हिन्दू मुसलमान, गाय गोबर और पाकिस्तान का राग अलापते 6 साल कैसे कट गये पता ही नहीं चला ।
Wednesday 24 June 2020
ट्रम्प के फूट डालो राज करो के मंनसूबे सफल नही होंगे ।
मोदी की विदेश नीति पूरी तरह फैल चायना, नेपाल के बाद अब ट्रम्प ने भी किया धोखा भारतीय प्रोफेशनल वीजा निरस्तकर करने से पांच लाख चालीस हजार युवा हुए बेरोजगार , इनमे अधिकतर वही है जो टाईम स्केअर पर मोदी मोदी चिल्ला रहे थे । और इनके पालक लाखो की तादाद में हाल ही में सूरत में ट्रम्प ट्रम्प चीला रहे थे । अफसोस इस बात का है कि कम्पनियो ने इन्हें बाहर नही किया , बल्कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने अपने चुनावी फायदे के लिये उनका वीजा निरस्त कर उन्हें अमेरिका से बेदखल किया ,भारत से हिन्दू मुस्लिम की राजनीति की सिख लेकर यूएस में श्वेत , अश्वेतो को डिवाइड करने का षड्यंत्र ट्रम्प ने किया लेकिन ये धर्मभीरु भारत नही है दुनिया पर राज करने वाला समझदार अमेरिका है , ट्रम्प के फुट डालो राज करो के मंसूबे सफल नही होगी ।
Tuesday 23 June 2020
Saturday 20 June 2020
राजा महाराज राज्यसभा पहुचे ,दलितों के उड़ गये तोते।
Tuesday 16 June 2020
सिंधिया को हथियार बना मप्र भजपा में यलगार शुरू कर डाला ।
Monday 16 March 2020
सिंधिया मप्र भाजपा का चेहर होंगे !
Sunday 15 March 2020
जब राजनीती में वफादारों की चर्चा होगी तो तुलसीराम सिलावट का नाम आयेगा !
Saturday 14 March 2020
देश मे हा हा कार , सरकार गिराने में व्यस्त देश के सरमायेदार।।
WHO कह रहा है कि अगर भारत में कोरोना फैला तो हालात बेकाबू हो जाएंगें।
लेकिन सरकार फिलहाल विधायकों को खरीदने में व्यस्त है। मप्र की सरकार गिराने में ज्यादा इंट्रेस्टेड है।
जहाँ एक ओर पूरा विश्व इस महामारी को गंभीरता से ले रहा है,वही हमारे यहाँ नेताओं द्वारा अभी भी रोड शो किये जा रहे हैं,,ये सोचे बगैर कि जो हजारों की भीड़ वो इकट्ठा करवा रहे हैं,,उनमें अगर एक व्यक्ति भी कोरोना इन्फेक्टेड हुआ तो क्या होगा..?
इस वक़्त अगर देश में एक सेंसिबल सरकार होती तो हर प्रकार की राजनीतिक गतिविधियों में रोक लगाती और कहती कि देश में इस समय आर्थिक और स्वास्थ्य इमरजेंसी है,,एक गंभीर "संकट-काल" है।सरकार बनाने या गिराने का काम हम बाद में करेंगें,,राज्यसभा चुनाव भी बाद में होंगें,,संसद में अन्य किसी राजनीतिक मसले पर चर्चा भी नहीं होगी,,फिलहाल हमारा एकमात्र ध्येय भारत को इस महामारी से बचाना होना चाहिए और शेयर बाजार को संबल प्रदान करना होना चाहिए।।
सरकार का वित्त विभाग इस समय कुछ नए ऐलान करके निवेशकों को राहत दे सकता था,डूबती हजारों कंपनियों को टैक्स राहत की घोषणा जैसा कुछ किया जा सकता है ,आप कल्पना करो अगर देश के ग्रामीण इलाकों और गरीब बस्तियों तक कोरोना पहुँचा तो आधी आबादी को बचा नहीं पायेंगें हम! शेयर बाजार की अगर यही दशा रही तो बैंक,बीमा कम्पनियां सब के सब बर्बाद हो जाएंगें और आपका सारा पैसा कागज के टुकड़ों में बदल जायेगा।।
Monday 9 March 2020
बुरा न मानो होली हे टाइटल 2020 औदुम्बर ब्राह्मण महा सभा !! धीरज - दुबे !
3 उपाध्यक्ष , अजय चौधरी -- मेरे दिल में आज कया है , कोई कहे तो में बता दूँ , !
4 भवन मंत्री - आशुतोष शर्मा - ज़रा सबर तो कर मेरे यार थाम ज़रा दिलदार , होले होले हो जाएगा प्यार वरना जल्दी में रह जायेगा बाहर !
5 संयुक्त मंत्री -- योगेश व्दिवेदी -- आवाज दो हम एक है !
6 उत्सवमंत्री - मनीष पाठक - नाचे कूदे बांदरी खीर खाये फ़क़ीर !
7 वित् मंत्री -- ललित जोशी - खाई हे रे हमने कसम सग रहने की !
8 प्रचार मंत्री - दिलीप दुबे -- दिल दिया हे जान भी देंगे ऐ सनम तेरे लिए , हम जियेंगे और मरेंगे ऐ सनम तेरे लिए !
9 अध्यक्ष समृद्धि --सुरेश दुबे -- टाइगर अभी ज़िंदा हे !
10 महासंघ अध्यक्ष - सतीश जोशी - अगर तुम नहीं हमसे तो हम भी नहीं तुमसे ,हुनर से अपने कद को बढ़ाना जानते हे हम , अगर ज्यादा नहीं तुमसे तो कम भी नहीं तुमसे !!
11 सूर्यादादा -- जीना यहाँ मरना यहां इसके सिवा जाना कहाँ जी चाहे जब हमको आवाज दो हम हे यही कल थे जहाँ !
12 अभिमन्यु जोशी - थोथा चना बाजे घना !
13 मुकेश पाठक - तेरे प्यार का आसरा चाहता हूँ , वफ़ा कर रहा हूँ वफ़ा चाहता हूँ !! 14 अध्यक्ष ओदुम्बर युवा संगठन - तुम जो मिल गए हो तो लगता हे जहाँ मिल गया , एक भटके हुए राही को कारवां मिल गया !
15 नागेश व्दिवेदी - हमसे क्या भूल हुई जो ये सजा हमको मिली , अब तो चारो ही तरफ बंद हे दुनिया की गली
16 अजय बक्शी - वफ़ा जिनसे की बेवफा हो गए वो वादे मोहब्बत के कहाँ खो गए !
17 आशुतोष पुराणिक - तुम्हारी भी जय जय हमारी भी जय जय न तुम हारे न हम हारे !
18 तुषार जोशी - जा मुझे न अब याद आ मुझे भूल जाने दे भूल जाने दे जा !
19 सुनील चौधरी - कोइ साथ न दे मेरा चलना मुझे आता हे , हर आग से वाकिफ हूँ जलना मुझे आता हे !
20 धीरज दुबे - न कुछ पाने की आरजू हे न खोने का गम , जैसे सदा से हे वैसे ही रहेंगे हम ! हम नहीं सुधरेंगे !
21 केशव दादा -- गेरो पे करम अपनों पे सितम ऐ जाने वफ़ा ये जुल्म न कर !!
22 मोहित पुराणिक - बन्दे में हे दम ये हे छुपा रुस्तम !!
23 ओम जोशी , डमरू -- दूर से देखे और ललचाये प्यास नजर की बढ़ती जाए !
24 धर्मेंद्र जोशी -- मेरे पेरो में घुँघरू बंधवा दे तो फिर मेरी चाल देख ले !
25 अचल दुबे -- में चुप रहुगा , व्हाट्सऐप फेस बुक पर मिलुंगा !
26 निर्मल उपाध्याय -- मेरी आवाज सुनो , !
27 के, डी परसाई -- दूर गगन की छांव में
28 मुरलीधर जोशी -- अभी न जाऊँगा छोड़ के की दिल अभी भरा नहीं !
29 योगेंद्र ज्योतिषी -- में ना भूलूगाँ उन रस्मो को उन कसमो को उन रिश्ते नातो को !
30 नरेंद्र चौधरी -- तुम मुझे यूँ भुला न पाओगे ,!
Sunday 8 March 2020
।। बुरा न मानो होली है 2020 ।!
1 नरेंद्र मोदी --,,, ऊपर से बेल बूटे अंदर से पेंदे फूटे।
2 अमित शाह,--,हमे अपनो ने लूटा गेरो में कहा दम था ,मेरी कश्ती भी वहां डूबी जहां पानी कम था, हाल में विभिन्न राज्यो में हारे विधान सभा चुनाव , खासकर महाराष्ट्र ।
3 कैलाश विजयवर्गीय ,--, अग्निपथ । बंगाल का चुनाव ।
4 पीयूष गोयल,--, पांचो ऊँगली घी में सिर कड़ाई में , ये अमित शाह और मोदी के ख़ास हे !
5 स्मृति ईरानी ,--, मुफ्त हुए बदनाम किसी से हाये दिल को लगा के । મોટા માથાને કારણે
6 निर्मला सीतारमन,,-- खोटा नारियल होली में ।
7 अरविंद केजरीवाल ,--, हम किसी से कम नहीं , ये न समझो हम् मे दम नहीं !
8 कमलनाथ,,-- दौड़ बिल्ली चूहा आया !
9 शिवराज मामा,, -- थोथा चना बाजे घना !
10 जीतू पटवारी -बड़े काम का बंदर , नाचे तो जीतेन्दर , मारे तो धर्मेंनदर , हे बहुत सी खूबी इसके अंदर
11 तुलसीराम सिलावट -- तुम्हारी भी जय जय हमारी भी जय जय न तुम हारे न हम हारे !
13 सज्जनसिंह वर्मा -- सबसे बड़ा नादाँन वही हे , जो समझे नादाँन मुझे कोण कोण कितने पानी में सबकी हे पहचान मुझे !
13 ज्योतिरादित्य सिंधिया,--, वादा तेरा वादा वादे पे तेरे मारा गया बन्दा में सीधा साधा !
14 कन्हैया कुमार ,, चाहा था बनु प्यार की राहो का देवता , मुझको बना दिया गुनाहो का देवता !
Saturday 29 February 2020
C C A N R C सूत न कपास , जुलाहो में लठम लठा !
, जुलाहो में लठम लठा !
मोदी सरकार जल्दबाजी मे देश के साथ एक के बाद एक नया प्रयोग करती जा रही , वो भी बिना पूर्व तैयारी के ,नोटबन्दी , जी एस टी , तीन तलाक , धरा 370 ,एन आर सी , सी सी ए ? एक तरफ खुद सरकार के पास अभी इसका फार्मेट नहीं कोन लोग इसके दायरे में आयेगे , उनका वेरिफिकेशन कैसे तय होगा , ?
दूसरी और शोर मचा हल्ला हे , यदि आपके नाम पते बाप दादा के नाम में स्पेलिंग भी थोड़ी गलत रही तो शरणार्थी हो जाओगे , आसाम में 13 लाख हिन्दू इस समस्या से झूझ रहे , यदि देश में कोइ नयी व्यवस्था कानून लागू होता है ,तो उससे सबसे ज्यादा प्रभावित तो बहुसंख्यक ही होगा ?
और अगर ऐसा कुछ नहीं सब वेळ मैनेज है तो , सरकार के नुमाइंदे जो लोग नहीं सकमझ रहे उनके बिच जाए , इसकी अच्छाई बताय बात करे न की गोली मारे ? आप नक्सलियों से आतंकवादियों से बात कर सकते हो , तो ये प्रदर्शनकारी आपके अपने देश के नागरिक माता बहने ही तो थी !
लेकिन अहंकारजनित मानसिकता '' अहम ब्रह्मासि '' इस विषय में एक इंच पीछे नहीं हटेंगे ?, ये काम चेलेंज से करने के नहीं सब को विशवास में लेकर करने के है ! ये सवा सौ करोड़ लोगो का भारत देश है , मुठीभर गुजरात नहीं !!
Saturday 15 February 2020
Posted by dhiraj dubey at 09:35 Email ThisBlogThis!Share to TwitterShare to FacebookShare to Pinterest