Monday 9 March 2020

बुरा न मानो होली हे टाइटल 2020 औदुम्बर ब्राह्मण महा सभा !! धीरज - दुबे !


1  अध्यक्ष  ओम  दुबे -- चाहुगां   में  तुझे  सांझ  सवेरे  फिर  कभी अब नाम पे तेरे आवाज में न दूगां !
2  प्रधान मंत्री  प्रदीप जोशी --  अब चाहे  मा  रूठे  या बाबा यारा मेने तो हाँ करली ,अब रब रूठे  चाहे दुनिया मेने तेरी बांह  पकड़ली ,! निजानंद  सेवा समिति से नात्रा कर लिया !
3 उपाध्यक्ष , अजय चौधरी --  मेरे दिल में आज कया है , कोई  कहे तो में बता दूँ , !
4 भवन मंत्री - आशुतोष शर्मा - ज़रा  सबर  तो कर मेरे यार  थाम ज़रा दिलदार , होले  होले  हो जाएगा प्यार  वरना जल्दी में रह जायेगा बाहर !
5 संयुक्त  मंत्री --  योगेश  व्दिवेदी -- आवाज  दो  हम एक है  !
6 उत्सवमंत्री - मनीष पाठक - नाचे कूदे  बांदरी  खीर खाये फ़क़ीर !
7  वित्  मंत्री -- ललित जोशी -  खाई हे रे  हमने कसम  सग रहने की !
8  प्रचार मंत्री - दिलीप दुबे --  दिल दिया हे जान  भी देंगे  ऐ  सनम  तेरे लिए , हम जियेंगे और मरेंगे ऐ  सनम तेरे लिए  !
9 अध्यक्ष  समृद्धि --सुरेश  दुबे -- टाइगर  अभी  ज़िंदा हे !
10 महासंघ  अध्यक्ष - सतीश जोशी - अगर   तुम  नहीं हमसे तो  हम भी नहीं तुमसे ,हुनर  से  अपने कद को बढ़ाना जानते हे हम ,  अगर  ज्यादा  नहीं तुमसे तो कम भी नहीं तुमसे !!
11  सूर्यादादा --  जीना यहाँ  मरना यहां  इसके सिवा जाना कहाँ  जी चाहे जब हमको आवाज दो  हम हे यही कल थे जहाँ !
12   अभिमन्यु जोशी -  थोथा   चना  बाजे घना  !
13 मुकेश  पाठक -   तेरे  प्यार का आसरा  चाहता हूँ , वफ़ा  कर रहा हूँ  वफ़ा  चाहता हूँ !!                               14 अध्यक्ष ओदुम्बर  युवा संगठन - तुम जो मिल गए हो तो लगता हे जहाँ  मिल गया , एक भटके हुए राही  को कारवां मिल गया !
                                                                                           
15 नागेश व्दिवेदी - हमसे  क्या  भूल हुई जो ये सजा हमको मिली , अब तो चारो ही तरफ बंद हे दुनिया की गली
16 अजय  बक्शी - वफ़ा जिनसे की बेवफा  हो गए वो वादे  मोहब्बत के कहाँ  खो गए !
17 आशुतोष पुराणिक - तुम्हारी भी जय जय हमारी भी जय जय  न तुम हारे न हम हारे !
18 तुषार जोशी -  जा मुझे न अब याद आ  मुझे भूल जाने दे  भूल जाने दे जा  !
19 सुनील चौधरी - कोइ  साथ न दे मेरा  चलना मुझे  आता हे , हर आग से वाकिफ हूँ  जलना मुझे आता हे !
20 धीरज दुबे - न कुछ  पाने की आरजू हे न खोने का गम , जैसे  सदा से हे  वैसे ही रहेंगे हम ! हम नहीं सुधरेंगे !
21 केशव दादा -- गेरो  पे करम  अपनों  पे सितम  ऐ  जाने वफ़ा  ये  जुल्म न कर !!
22 मोहित  पुराणिक - बन्दे  में हे  दम  ये  हे  छुपा रुस्तम !!
23 ओम जोशी , डमरू -- दूर  से देखे  और  ललचाये  प्यास नजर की बढ़ती जाए !
24 धर्मेंद्र  जोशी -- मेरे पेरो में घुँघरू  बंधवा दे  तो फिर मेरी चाल देख ले !
25 अचल दुबे -- में  चुप  रहुगा , व्हाट्सऐप  फेस बुक पर मिलुंगा !
26 निर्मल उपाध्याय -- मेरी आवाज सुनो , !
27  के, डी  परसाई --  दूर गगन की छांव में
28  मुरलीधर  जोशी -- अभी न  जाऊँगा  छोड़ के  की दिल अभी भरा नहीं !
29  योगेंद्र  ज्योतिषी --  में  ना  भूलूगाँ  उन   रस्मो  को उन  कसमो  को उन रिश्ते  नातो को !
30 नरेंद्र  चौधरी --  तुम मुझे यूँ  भुला न पाओगे ,!

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