Sunday 26 November 2017

योग गुरु बाबा रामदेव होश में आओ ? ?

भारत के लाखों लोग पतंजलि और दिव्य योग के उत्पादों का प्रयोग इसलिए ही नहीं करते कि वह गुणवत्ता मैं बहुत अच्छी है बल्कि लोग शुरू शुरू में आपके उत्पादों का प्रयोग राष्ट्रीयता और देशभक्ति के साथ-साथ कम दाम के कारण भी खरीदते थे ।

शुरुआत में आपने स्वयं को प्रचार विरोधी बताकर पतंजलि उत्पाद को अच्छी गुणवत्ता के साथ मार्केट में उतारा जो सही भी था और लोगों ने उसे पसंद भी किया परंतु धीरे-धीरे कब आपके सामानों की कीमत ज्यादा होती चली गई पता न चला ।
और अब कीमत इतनी ज्यादा हो चुकी है की चिंता का विषय बन चुका है ।

अब TV पर हर तीसरा प्रचार पतंजलि का है तो क्या इससे यह अर्थ लगाया जाए कि आप भी अर्थ तंत्र की एक बड़ी मछली के रूप में सामानों को महंगे दामों पर बेचेंगे या बेच रहे हैं?
जो चूर्ण 2015 में 40 का था वही 2016 में 85 का कैसे हो गया ? 100% से भी ज्यादा की बढ़ोतरी ..?

मई 2016 में जिस बादाम रोगन का दाम 110 रुपये था ऐसा क्या हुआ कि वह मात्र 9 माह बाद मार्च 2017 में 150 का हो गया यानी 36% कि बढ़ोत्तरी । यह मूल्य वर्धन की पराकाष्ठा या त्रासदी है । मुझे आपसे यह उम्मीद नहीं थी । ऐसे ही 2 माह पहले बेसन का दाम राजधानी बेसन से 15 रुपये सस्ता था और आज 15 रुपये महंगा हो गया है ।
अब  ऐसा लगने लगा है कि आप के उत्पाद की न्यूरोमार्केटिंग से बाहर आकर  देश की जनता को सोचना पड़ेगा क्यों कि आप जनता को बेवकूफ बनाने लगे हैं । भावना और देशभक्ति बेचने के दिन लद गए......?

जनता को भी अब यथार्थ पर आना चाहिये  और पतंजलि को भी अपने उत्पाद सही दामों पर बेचने का दबाव बनाना चाहिये  और साथ साथ यह भी बताइये की आप पहले कैमिकल का विरोध करते थे तो आपके शैम्पू और आपके साबुनों में क्या लक्ष्मन को जीवित करने वाली जड़ीबूटी डाली है क्या......

हमे ये बताइये आपके ब्यूटी-प्रोडक्ट्स, फेसवाश, सर्फ़, स्लिम-पाउडर ये सब क्या आपने बिना कैमिकल के ही बना लिया और आपको नूडल्स बनाने की क्या पर गयी......ये तो चीन का भोजन है और उसको कॉपी करके आप किस देशभक्ति का काम कर रहे है..... आपके बिस्कुट, आपके चोकोफ्लेक्स क्या ये सब विदेशी सामानों का नक़ल नही है.......
अगर आप देशभक्ति का काम करते तो हर सामान आप और कंपनियों की भांति या उससे भी महंगे दामो में नही बेचते लेकिन नही. आपने तो धंधा शुरू कर दिया........योग सिखाते सिखाते आप कब बिजनेसमैन बन गए, यह पता ही नही चला।
धीरे धीरे आपके देशभक्ति वाले उत्पाद आम आदमी के पहुंच से बाहर हो रहे है..।

Sunday 5 November 2017

मोदी की ये हकीकत है ?

एक समय था टीवी पर मोदी की आवाज सुन शरीर के रोंगटे खड़े हो जाते थे, लोग मोदी मोदी चिल्लाते थे तो ह्रदय पुलकित हो आंखों में अश्रु आ जाते थे , लेकिन आज जब टीवी पर मोदी की आवाज आती है , तो किचन में गैस पर काम कर रही गृहणी चिल्लाती , बन्द करो इस चोटे को ,?
ये तीन साल में  मध्यमवर्गीय परिवार में मोदी ने बनाई अपनी इज्जत है , ये हकीकत है?