Wednesday 18 November 2015

भारत के विश्व गुरु बनने की शुरुआत !

दुनिया   में   आतंकवाद   की  समस्या  नई   नही  है   और  इसके   दुषपरिणाम   भी   पिछले    कई   वर्षो   से   झेलते   आ   रही   दुनिया   की   महा   शक्तियों   का   इतने   सामंजस्य   के   साथ   इतना   आक्रमक   विभीषिका   पूर्ण   प्रतिकार   एक   सुखद   आश्चर्य   है ! और   इससे   ऐसा   प्रतीत   होता है   की  इसकी  पृष्टभूमि   में   मोदी   के   इन   देशो   के  प्रवास   और  मंत्रणाओ   का   भी   प्रभाव   पड़ा    है  ! वरना   जो   देश   आपस   में   प्रतिस्पर्धी   थे   आतंकवाद   के   खिलाफ  उनका   समदर्शी   होना  बिना   किसी  भागीरथी   प्रयास  के   संभव   नही !  क्योकि   मोदी   जानते   है  कि   आतंकियों   के   रहते   वे   सुरक्षित   कतई   नही   है   ! अत:  प्रधान   मंत्री   बनने   के   बाद   उन्होंने   सबसे   पहले   आतंकवाद   के   खिलाफ   दुनिया की    महा  शक्तियों   को   एक    साथ   करने   का   अभियान   चलाया  जो   सफलता   की    और   तेजी से  अग्रसर   है  !
वरना   भारत   जैसे   गरीब   देश   के   लिये   आतंकियों   से   लड़ने   में   इतना   रुपया   बर्बाद   करना  आर्थिक  स्थिति   को   कमजोर   करता  !  कहावत    है  -:  बिना   खुजाये    खाज   गयी  ! अब  रहा   सवाल   देश  की   समस्याओ  का  तो   देश   काल   परिस्तिथि   और   प्रकृति   अनुसार   समस्याए   उतपन्न   होती
रहेगी   और   निपटती   रहेगी  !  कहते    है   ना   जान   है   तो    जहाँन    है  !

Tuesday 17 November 2015

अशोक सिंघल को सच्ची श्रदांजलि तब होती जब नरेंद्र मोदी उनके अधूरे स्वप्न राम मंदिर

जिस   राम   जन्म भूमि   आंदोलन    की   बैसाखी   के   बल पर   टिककर   भाजपा  खड़ी   हुई ! और   इसी   आंदोलन   का   समर्थन   कर   आर   एस   एस   ने समाज   में   सम्मान   और   स्थान   बनाया ! और   सबसे   पहले   सिंघल   ने  ही  नरेंद्र   मोदी को  प्रधानमंत्री    पद   का   उम्मीदवार  घोषित कराया  !  और   तीन  सौ    सीट   जितने   का  विशवास   जताया   उस  सत्ता के   प्रणेता   के   जीवन   का   संकल्प    एक   आस   एक    उम्मीद   राम   जन्म   भूमि   राम मंदिर   के   विषय   में    उसके    मौन    होते   ही  !  सब   किनारा   कर     गये   मोदीजी  ने   अपनी   श्रदांजलि   में   उनके   द्वाराचलाये   सेवा   प्रकल्पों   का   उल्लेख   किया !  लेकिन   उनके   स्वप्न   उनके   संघर्ष   और   आंदोलन   को अनदेखा   कर   गये  !  भाजपा   या   संघ   किसी  ने   भी   उन्हें    राम मंदिर   या   रामजन्मभूमि   आंदोलन  से   परिभाषित   नही   किया  ! अशोक   सिंघल को   सच्ची   श्रदांजलि   तब   होती   जब   नरेंद्र    मोदी  उनके   अधूरे    स्वप्न   राम मंदिर   संकल्प   पर   अपनी   भावना   प्रगट   करते   अपना   रुख   स्पष्ट   करते  !      

Sunday 15 November 2015

क्या रिजर्व बैक भी षड्यंत्रकारी है !

 ३०००  करोड़   की   सब सीडी   लेकर  डकारने   के   बाद   भी  टाटा का   नेनो   कारखाना   बंद   हो   जाता   है  !
६०००   हजार  करोड़   रुपया   बैक का  पचाकर   विजय   माल्या   और   उसका    बेटा   एय्याशी    में लिप्त  हो
किंग फिशर    एयरलाइंस     को    डूबा   ने   का   दांव   खेल  विदेश   भाग  जाता   है  ! कुल   साढ़े   चार   लाख करोड़   से   भी ज्यादा   रुपया   मात्र  ३६   कार्पोरेट   घरानो  पर   बकाया   है ! जिसे   बेको   ने  डूबत  ऋण            मानते हुए   यह  मानलिया   की  वसूली   संभव   नही !  क्या   रिजर्व   बेक  का इन  पर  कोई   नियंत्रण   नही   क्या   नेशनलाइज   बैंक   केंद्र   की   दामाद   है  जो  रिश्वत   खाकर   देश का   रुपया     फूक   रहे  !                        वही   दूसरी   और  सहकारी  बैक  जिन्हे कभी   सरकार   से   या   रिजर्व बैक   से   एक   रूपये की  सहायता भी    नही  दी जाती  ! ये  बैंक   अपने  निज  प्रयासों से   पैसा   जमाकर   सदस्यों   की   मदद   करते  है !  उन  पर  हजारो   नियम   कायदे   दम   घोटु   वातावरण  निर्मित  कर  विदेशी   बैको   के   विस्तार   के   लिये  एन   पी  ए   का   स्वांग    कर  इनको   बंद   कराने  का  षड्यंत्र  क्या  देश  हित  में   है !

Sunday 8 November 2015

रंगा खुश !

 बिहार   के   चुनाव   नतीजों   ने   शिवराजसिंहजी    को   बड़ी   राहत   प्रदान  की  इतना   ही   नही   बीजेपी   के   हर   छोटे   से   बड़े   नेता   यहां तक  की   केंद्रीय   मंत्री   तक   खुश   है !  की   उनकी   पार्टी   और  सरकार  में   कोई   उपयोगिता   तो   बनेगी   वरना    सरकार   और   पार्टी   मोदी   अमित शाह   अरुण  जेटली   राजीव   प्रताप   रूडी   पार्णिकर   और   सिर्फ   अजित   डोबाल    ही    चला   रहे  है  ! इन्हे   किसी   की   आवश्यकता ही   नही   लेकिन    शिवराजसिंहजी    ही   एक   चतुर   नेता   है   उन्होंने    अपनी   उपयोगिता   शुरू   से  बनाये   रखी    है  ! और    आगे    भविष्य    में   भी   बीजेपी  और   आर   एस   एस   के   पास   शिवराज   से  ज्यादा   सहिष्णु     और   लोकप्रिय   प्रधान    मंत्री   नही   है  पार्टी   के   अनुपयोगी    नेताओ   की   निगाह
भी    आप  पर   टिकी हे !  अत:   रंगा   खुश  !

बिहार में आर एस एस की मंशा पूरी !

बिहार   में   महागठबंधन   की   ऐतिहासिक   विजय   हेतु   आर   आर   एस प्रमुख्य  मोहन  भागवतजी   को   कोटि   कोटि    धन्यवाद   !  जिन्होंने एन   मतदान के  पूर्व आरक्षण  समाप्त करने संबंधी    बयान  और   नितीश   के   सुसाशन   की    तारीफ़ कर  सघ   के   लोगो   को  संकेत   देकर  नितीश   की   जीत   का   मार्ग   प्रशस्त   कर   दिया  !  और   बता   दिया    कि     आज   भी   देश   की   राजनीती  और भाजपा    का   आधार   आर एस एस   ही   है  ! अमित   शाह   की   चालाकी   और   मोदी   की लोकप्रियता    पानी   का   बुलबुला   था