दुनिया में आतंकवाद की समस्या नई नही है और इसके दुषपरिणाम भी पिछले कई वर्षो से झेलते आ रही दुनिया की महा शक्तियों का इतने सामंजस्य के साथ इतना आक्रमक विभीषिका पूर्ण प्रतिकार एक सुखद आश्चर्य है ! और इससे ऐसा प्रतीत होता है की इसकी पृष्टभूमि में मोदी के इन देशो के प्रवास और मंत्रणाओ का भी प्रभाव पड़ा है ! वरना जो देश आपस में प्रतिस्पर्धी थे आतंकवाद के खिलाफ उनका समदर्शी होना बिना किसी भागीरथी प्रयास के संभव नही ! क्योकि मोदी जानते है कि आतंकियों के रहते वे सुरक्षित कतई नही है ! अत: प्रधान मंत्री बनने के बाद उन्होंने सबसे पहले आतंकवाद के खिलाफ दुनिया की महा शक्तियों को एक साथ करने का अभियान चलाया जो सफलता की और तेजी से अग्रसर है !
वरना भारत जैसे गरीब देश के लिये आतंकियों से लड़ने में इतना रुपया बर्बाद करना आर्थिक स्थिति को कमजोर करता ! कहावत है -: बिना खुजाये खाज गयी ! अब रहा सवाल देश की समस्याओ का तो देश काल परिस्तिथि और प्रकृति अनुसार समस्याए उतपन्न होती
रहेगी और निपटती रहेगी ! कहते है ना जान है तो जहाँन है !
वरना भारत जैसे गरीब देश के लिये आतंकियों से लड़ने में इतना रुपया बर्बाद करना आर्थिक स्थिति को कमजोर करता ! कहावत है -: बिना खुजाये खाज गयी ! अब रहा सवाल देश की समस्याओ का तो देश काल परिस्तिथि और प्रकृति अनुसार समस्याए उतपन्न होती
रहेगी और निपटती रहेगी ! कहते है ना जान है तो जहाँन है !