मान्यवर ,
1 सिर्फ इंदौर में ही कम से काम नगर निगम रिकार्ड अनुसार ५०० से अधिक अवैध कालोनिया है ! इसमें से विधान सभा क्षेत्र क्र 1 में 200 से अधिक अवैध कालोनिया है ,जिसका कम से कम 5 0 00000 लाख स्केअर फुट से भी अधिक एरिया होगा !
2 इस हिसाब से सारे मध्यप्रदेश में अवैध कालोनियों का एरिया कम से कम 100 करोड़ स्केअर फ़ीट के लगभग होता है !
3 जहां लोग पिछले दस, पंद्रह,या कहि कहि तो 20 वर्षो से अधिक समय से लोग निवासित है ! इनके शानदार पक्के मकान बने जिनकी कीमत आज लाखो रु है , और नोटरी के आधार पर इनकी खरीदी बिक्री रोज अनवरत जारी है !
4 , इतने बीते वर्षो में सरकार ने और स्थानीय निकाय ने इन अवैध कालोनिया को सारी मूलभूत सुविधाओं से सुसज्जित कर दिया , बिजली , नर्मदा पानी , बोरिंग , कंक्रीट सड़के , आवागमन के साधन , स्कूल , असपताल , कुछ बाकी नहीं !
5 इन अवैध कालोनियों में शहर की आबादी का 40 प्रतिशत भाग स्थाई रूप से निवासित है , फिर चाहे भूमिया शासकीय रेकार्ड में ---: 1 सीलिंग में वेष्ठित साशकीय घोषित भूमि पर हो ! 2 ! वर्षो पुरानी डेड हो रही विकास प्राधिकरण की योजनाओ की भूमि पर हो !,३! वर्षो से मास्टर प्लान में ग्रीन बेल्ट में पड़ी भूमियो पर हो ,! 4 ! बंद हो चुके या पूरी तरह सुख चुके नालो की आस पास की भूमिया पर हो ,!5! वर्षो पुरानी मंदिर , दान , ईनाम ,या चरनोई की भूमि पर हो !
इनकी पक्की स्थाई वर्षो से बसाहट , और इन्हे उपलब्ध सारी सविधाओ और विशाल जनसंख्या , अब इनका कुछ नहीं हो सकता , इन्हे साड़ी सुविधा और लाभ प्राप्त है ,-- लेकिन साशन को टोटल लास , इनसे कुछ भी कर डायवर्शन , सम्पति कर , सफाई कर , स्टाम्प डयूटी अन्य कुछ नहीं मिल रहा !
यदि राज्य सरकार वर्षो से बसी इन अवैध कालोनीयो में निवासित लोगो से एफिडेविट लेकर वैधता का एक प्रमाण पत्र प्रदान कर दे तो अवैध बस्ती के लोग 50 रु स्केअर फिट का रु सहर्ष प्रदान कर देंगे और कमल नाथ की जय कहेगे !
वैधता प्रमाण पत्र के आधार पर आगे इन सम्पतियो की खरीद फरोख्त गाइड लाइन के हिसाब से स्टाम्प ड्यूटी के आधार पर हो ,तो आगे साशन को स्टाम्प ड्यूटी भी मिलने लगेगी !
यदि मप्र में 100 करोड स्केअर फीट एरिया हो तो -- 50 रु स्केअर फ़ीट से 50 हजार करोड़ रु राज्य सरकार को आसानी से घोषित तय समय सीमा में प्रदेश सरकार को प्राप्त हो सकता !
हींग लगे न फिटकरी रंगा चौखा आये !!
1 सिर्फ इंदौर में ही कम से काम नगर निगम रिकार्ड अनुसार ५०० से अधिक अवैध कालोनिया है ! इसमें से विधान सभा क्षेत्र क्र 1 में 200 से अधिक अवैध कालोनिया है ,जिसका कम से कम 5 0 00000 लाख स्केअर फुट से भी अधिक एरिया होगा !
2 इस हिसाब से सारे मध्यप्रदेश में अवैध कालोनियों का एरिया कम से कम 100 करोड़ स्केअर फ़ीट के लगभग होता है !
3 जहां लोग पिछले दस, पंद्रह,या कहि कहि तो 20 वर्षो से अधिक समय से लोग निवासित है ! इनके शानदार पक्के मकान बने जिनकी कीमत आज लाखो रु है , और नोटरी के आधार पर इनकी खरीदी बिक्री रोज अनवरत जारी है !
4 , इतने बीते वर्षो में सरकार ने और स्थानीय निकाय ने इन अवैध कालोनिया को सारी मूलभूत सुविधाओं से सुसज्जित कर दिया , बिजली , नर्मदा पानी , बोरिंग , कंक्रीट सड़के , आवागमन के साधन , स्कूल , असपताल , कुछ बाकी नहीं !
5 इन अवैध कालोनियों में शहर की आबादी का 40 प्रतिशत भाग स्थाई रूप से निवासित है , फिर चाहे भूमिया शासकीय रेकार्ड में ---: 1 सीलिंग में वेष्ठित साशकीय घोषित भूमि पर हो ! 2 ! वर्षो पुरानी डेड हो रही विकास प्राधिकरण की योजनाओ की भूमि पर हो !,३! वर्षो से मास्टर प्लान में ग्रीन बेल्ट में पड़ी भूमियो पर हो ,! 4 ! बंद हो चुके या पूरी तरह सुख चुके नालो की आस पास की भूमिया पर हो ,!5! वर्षो पुरानी मंदिर , दान , ईनाम ,या चरनोई की भूमि पर हो !
इनकी पक्की स्थाई वर्षो से बसाहट , और इन्हे उपलब्ध सारी सविधाओ और विशाल जनसंख्या , अब इनका कुछ नहीं हो सकता , इन्हे साड़ी सुविधा और लाभ प्राप्त है ,-- लेकिन साशन को टोटल लास , इनसे कुछ भी कर डायवर्शन , सम्पति कर , सफाई कर , स्टाम्प डयूटी अन्य कुछ नहीं मिल रहा !
यदि राज्य सरकार वर्षो से बसी इन अवैध कालोनीयो में निवासित लोगो से एफिडेविट लेकर वैधता का एक प्रमाण पत्र प्रदान कर दे तो अवैध बस्ती के लोग 50 रु स्केअर फिट का रु सहर्ष प्रदान कर देंगे और कमल नाथ की जय कहेगे !
वैधता प्रमाण पत्र के आधार पर आगे इन सम्पतियो की खरीद फरोख्त गाइड लाइन के हिसाब से स्टाम्प ड्यूटी के आधार पर हो ,तो आगे साशन को स्टाम्प ड्यूटी भी मिलने लगेगी !
यदि मप्र में 100 करोड स्केअर फीट एरिया हो तो -- 50 रु स्केअर फ़ीट से 50 हजार करोड़ रु राज्य सरकार को आसानी से घोषित तय समय सीमा में प्रदेश सरकार को प्राप्त हो सकता !
हींग लगे न फिटकरी रंगा चौखा आये !!