Thursday 30 August 2018

पचास साल तक इस कानून में बदलाव की गुंजाइश नहीं ?

  दलितों को साथ रखने के लिये क्या कम सहन करना पड़ रहा पीढ़ियों से सवर्ण समाज को ,हमारा गुस्सा ये है की  जब  सुप्रीम कोर्ट मानती है , कि एस सी एस एक्ट का दुरुपियोग हो रहा है , इसलिए गिरफ्तारी से पहले जांच होनी चाहिए , क्या गलत था ?, न्यायपालिका ओर कानून को अपना काम करने देना था । अध्यादेश लेकर इसे कानून बनाने की चुनावी जल्दी  मोदी ने क्यो की सारे देश का स्वर्ण हिन्दू दलित सभी तो आपके साथ था ,ये तो न्यायालय का निर्णय था । आपने वी पी सिंह की तरह दलित मसीहा बनने की अति महत्वकांशा की जल्दी में संघ के अर्जेनटे को भी खंडित किया न्यायपालिका और संविधान की अवमानना की , बिना सुनवाई गिरफ्तारी , 6 माह तक जमानत का प्रावधान नही पचास साल तक इस कानून में बदलाव की गुंजाइश नहीं ? ऐसा जजिया कानून तो मुगलो और अंग्रेजो ने भी नही बनाया ,जीवन भर के लिए सवर्णो की दूसरे दर्जे की नागरिकता ओर इस एक्ट के लोगो का गुलाम बना दिया ।

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