कितने शर्म की बात है कि सारे देश का आम आवाम मंहगाई की मार से हां हां कार कर रहा ,वहां सरकार के जवाबदारों को कुर्सी के गणित और वोटो की गिनती के अलावा कुछ दिखाई नहीं दे रहा ! भाजपा कार्यकारिणी की बैठक में अहंकार पूर्ण लहजे में खाली गठबंधन की बात की गयी , गठबंधन चलेगा नहीं, टिकेगा नहीं.!. आज तक सत्ता में जो पार्टी होती है वो कार्यकारिणी में चिंता करती है कि देश में आर्थिक रूप से क्या हालात हैं, सामाजिक रूप से क्या हालात हैं, क्या हालात हैं महंगाई के, क्या-क्या समस्याएँ जनता की है, क़ानून व्यवस्था कैसी है। कार्यकारिणी की बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा होती है , अपने चुनावी घोषणा पत्र का मिलान करो। लेकिन सत्ताधारी पार्टी बीजेपी को येन केन प्रकारेण दलित वोट बैंक की चिंता है।
इसलिये कहना पड़ेगा सरकार बेशर्म हो गयी !
इसलिये कहना पड़ेगा सरकार बेशर्म हो गयी !
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