Friday 28 September 2018

'' मोदी के विकल्प के रूप में गडकरी का नाम '' !

राष्ट्रीय सेवक संघ कभी व्यक्तिवादी नहीं रहा न किसी व्यक्ति पर कभी निर्भर होगा , वो एक विचार धारा है ! और इसीलिए , मोदी की व्यक्तिवादी राजनीती , कारपोरेट जगत से गहरी दोस्ती संघ को रास नहीं आ रही , अपने राजनैतिक अंहकार के चलते जिस तरह मोदी ने एक और शिवसेना , अकाली ,नितीश से पल्ला झाड़ना शुरू किया वही दूसरी और संघ के अनुवांशिक संगठनों विश्वहिंदू परिषद , स्वदेशी मंच , वनवासी आश्रम ,बजरंग दल संस्कार भारती , कॉमन सिविल कोर्ट , हिन्दू राष्ट्रवाद ,आदि को लूप लाइन में डाल कमजोर कर दिया ! वो समय दूर नहीं जब मोदी अपनी लोकप्रियता के बल पर , देश के अन्य राजनैतिक दलों केसाथ साथ आर एस,एस के लिए भी चुनौती न बन जाये,और अमित शाह की प्रलोभनकारी राजनीती की चासनी संघ के स्वयं सेवको को आदर्श , राजनैतिक शुचिता सस्कार , निष्ठां हिन्दू राष्ट्रवाद ,देश प्रेम से दूर व्यक्तिवाद के करीब ले जाय ? इसलिये भावी नेतृत्व हेतु ,नितिन गडकरी को आगे बढ़ाने की आवश्यकता है ?

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