Friday 28 September 2018

सारी मुद्रा फिर ब्लैक मनी में तो नही बदल रही हैं !

नोट बन्दी करने का सबसे सॉलिड कारण जो गिनाया गया था वह यह था, कि अर्थ व्यवस्था में कैश की तादाद काफी ज्यादा हो गयी हैं , यह खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है , अत:  नोट  बन्दी  कर  कैश लेस अर्थ व्यवस्था की तरफ जाना  जरुरी है , लेकिन नोट बन्दी को   दो साल भी पूरे नही हुए है,  ओर कैश का फ्लो नोट बन्दी के  पहले से भी बहुत आगे बढ़ गया है ! अब सवाल यह खड़ा होता हैं कि नोट बंदी के समय  सिस्टम में सिर्फ 7.8 लाख करोड़ की मुद्रा  चलन में थी , और  आज लगभग 19 लाख करोड़ की मुद्रा चलन में  आ चुकी है !   ऋण देने को लेकर बैंकों की चिंताएं बढ़ रही हैं ,और तरलता के कड़े हालात को लेकर चिंता का माहौल हैं ! डिजिटल पेमेंट भी   काफी  बढ़े हैं ? तो यह सारी मुद्रा कहा चली गयी हैं , क्या सारी मुद्रा फिर ब्लैक मनी में तो नही बदल  रही हैं !

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