Saturday 24 June 2017

मंदिरो के पुजारी पद ब्राह्मणो के लिये आरक्षित किये जाये ?


सिंहस्थ मेले के दौरान ही सी एम शिवराज सिंह चौहान ने संकेत दिए थे। सरकारी या दान की जमीनों पर बने मंदिरों को सरकारी घोषित कर दिया जाएगा ? और इन ​मंदिरों में सेवा कर रहे पुजारियों की जगह नई नियुक्तियां होेंगी। नियुक्ति के अधिकार नगरीय निकाय या ग्राम पंचायत को मिलेंगे। कुल मिलाकर मंदिरों में अब राजनीति होगी।और सरकार समाज में ब्राह्मणों का मान सम्मान और स्वाभिमान को नष्ट कर मनुवादियो का सत्यानाश कर दलित अर्जेन्टा और तुष्टिकरण हेतु काम कर ही है / इसके लिए कानून का प्रारूप तैयार किया गया है,? जो विधानसभा के   पटल पर रखा जाएगा।  और जैसा कि होता आया है। विधानसभा में हंगामे के बीच यह कानून पारित भी हो जाएगा शिवराज मोदी की लोकप्रियता का लाभ ले ? ब्राह्मणों को लात दे दलित और पिछडो के लोकप्रिय नेता बनने चले है  विश्वनाथ प्रतापसिह की तरह ? भोपाल के पत्रकार मनोज तिवारी की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में ऐसे 25 हजार से ज्यादा मंदिर होने का अनुमान है। इनमें से 21 हजार की सूची तैयार कर ली गई है। इसका प्रारूप वरिष्ठ सदस्य सचिव समिति को भेजा जा रहा है। संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि इस प्रारूप पर अभी काम चल रहा है।
पुजारी, व्यवस्थाओं में सुधार ?
फिलहाल प्रबंधन व व्यवस्था में बदलाव नहीं होगा। संचालन के लिए हर मंदिर की अलग समिति होगी, जिसका प्रबंधन कलेक्टर, एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार संभालेंगे। इसमें स्थानीय लोग भी होंगे।
पुजारियों की नई नियुक्ति होगी ?
जो पुजारी अभी काम कर रहे हैं अयोग्य पुजारी होने पर नई नियुक्ति होगी। स्थानीय निकाय पुजारी नियुक्त कर सकेंगे। गांव में यह अधिकार ग्रामसभा को होगा जो राजनैतिक तोर पर नियुक्तियां होगी ? सरकार ने इसमें यह तय नहीं किया है कि पुजारी का पद ब्राह्मण समाज के लिए ही आरक्षित होगा या नही ?
कलेक्टर कर रहे मंदिरों का चयन
जिलों में मंदिरों का चयन कलेक्टर करेंगे। सूत्र बताते हैं कि 40 कलेक्टरों ने काम पूरा कर लिया है। अभी मंदिरों का आंकड़ा 21 हजार के पार पहुंच गया है ? ब्राह्मणों से उनके पुजारी होने का अधिकार भी छीना जा रहा है और व्यवस्था अनुसार समाज अन्य तब को गेर ब्राह्मणों को पुजारी पद पर नियुक्त किया जा सकेगा ? जिसका राष्ट्रीय ब्राह्मण युवजन सभा विरोध करती है और मांग करती है की पुजारी पद पर सिर्फ ब्राह्मणों को ही नियुक्त किया जाये ? राष्ट्रीय ब्राह्मण युवजन सभा की माँग है पुजारी पद ब्राह्मणों के लिए आरक्षण किया जाए ?
धीरज दुबे एड.
/ राष्ट्रीय प्रवक्ता /
//
राष्ट्रीय ब्राह्मण युवजन सभा //

Tuesday 13 June 2017

// क्षत्रियों का हिस्सा ब्राह्मण खा रहे हैं,SC/ST/OBC या मुस्लिम नहीं- क्षत्रिय महासभा //

  अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासभा के बाद अब क्षत्रिय महासभा के अध्यक्ष एच.एन.चौहान ने आरोप लगाया कि ब्राह्मण उनका हक मार रहे हैं। उन्होने कहा क्षत्रियों का दुश्मन अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ी जाति या मुसलमान नहीं है, उनको तो 49.5 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है, सामान्य को 50.5 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है। लेकिन सामान्य को मिलने वाला यह आरक्षण अकेले ब्राह्मण ही खा जाते हैं। चौहान ने आगे कहा, हमारा भला अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, ओबीसी के आरक्षण के विरोध से नहीं होगा। हमें तो 50.5 प्रतिशत में ही अलग हिस्सा दे दो। अगर इसके 5 हिस्से 10-10% के किए जाएं और एक हिस्सा हमें अलग दिया जाए तो हमारा बहुत भला हो जाएगा। उन्होने कहा, ब्राह्मण अकेले ही सामान्य के नाम पर सारा आरक्षण खा जाता है। वह हर साक्षात्कार बोर्ड में ब्राह्मणों को ही सबसे ज्यादा नंबर मिलते  है। साडी प्रतियोगी परीक्षा डाक्टर ,इंजीनियर  सी ए  नोकरिया , सारी नियुक्तियां चाहे सुप्रीम कोर्ट हो हाईकोर्ट या राज्यपाल और वाइस चांसलर सभी जगह  ब्राह्मणो का बोलबाला रहता है ! हमें तो  हमारा  10 प्रतिशत अलग से ही आरक्षण चाहिए।  जाति के अहंकार में रहने वाला   ब्राह्मण समाज आरक्षण के बाद भी राजी ख़ुशी   अपनी बहन बेटी को हिस्सा नहीं,  देता तो क्षत्रियों को क्या देगा ? उन्होंने कहा कि हम इस  बात  को  गैर  ब्राह्मणो में  जन जन तक पहुँचायेंगे।

Sunday 11 June 2017

// मध्य - प्रदेश में स्वत: शान्ति हो गई और शिवराज की पो बारह //

कड़वा सच ?                
                                                                                                                                                                                                                                                             किसानों को असामाजिक तत्व कहने वाली सरकार अचानक उपवास पर बैठ गई। लोग अपने अपने तरीके से इसकी समीक्षा कर रहे हैं। सीएम का कहना है कि वो हिंसा के खिलाफ उपवास पर हैं, लेकिन पहली बार हो रहा है कि ज्यादातर लोग सी एम की बात पर भरोसा नहीं कर रहे हैं। शिवराज सिंह के उपवास के कारण तलाशे  तो ? इनमें से एक पकड़ में आ गया है  कि भोपाल में सी एम शिवराज सिंह चौहान का उपवास, किसानों के डर या प्रेम के कारण नहीं बल्कि कैलाश विजयवर्गीय के डर के कारण शुरू हुआ है। मंगलवार को पुलिस फायरिंग में 6 किसानों की मौत के बाद शिवराज सिंह के इमेज पर जहां बड़ा धब्बा लगा था वहीं शुक्रवार को कैलाश विजयवर्गीय इंदौर में एक 'नायक' की तरह उभरकर आए। दिल्ली   सब कुछ देख  रही  हैं। इससे पहले कि कैलाशजी  का ग्राफ शिवराज से ज्यादा बड़ा हो पाता,   जैसे ही सी एम शिवराज सिंह को इसकी भनक लगी वो समझ गए कि इस बार दिल्ली में उनके नंबर कम और कैलाश विजयर्गीय के नंबर बहुुत ज्यादा बढ़ने वाले हैं। उन्हे सब कुछ हाथ से जाता हुआ दिखाई   दे रहा था / आनन फानन उन्होंने उपवास का ऐलान कर दिया। और कांग्रेस  ने  फ़टे में पैर डालकर  शिवराज को स्टे  दिला दिया ? अपनी योजना को असफल होता देख  आंदोलनकारी स्वत: खामोश हो गए प्रदेश में शान्ति हो गई और शिवराज की पो बारह ?

Saturday 10 June 2017

मोदी फेस्ट के नाम से दलित राजनीती ?



Saturday, 10 June 2017
मोदी फेस्ट के नाम से दलित राजनीती ?
 मोदी  फेस्ट के नाम से  दलित राजनीती  का प्रपोगंडा  खड़ा कर  दलित को  राष्ट्रपति  बनाना  मोदी और शाह की राजनीती का  हिस्सा  रहेगा ,   लेकिन  आर ,एस, एस  अपना  गुप्त  अर्जेंटा लागू जरूर  करेगा   ? इसे  कहते  है , मारेंगे और रोने भी  नहीं   देंगे ?
Posted by Dhiraj Dubey at 10:03 Email ThisBlogThis!Share to TwitterShare to FacebookShare to Pinterest

Friday 9 June 2017

// श्रदेय नारायण प्रसाद शुक्ला /भैय्या / की पुण्यतिथि पर सादर स्मरण //
जूनि इंदौर के विद्वान कर्मकांडी प्रतिष्ठित ब्राह्मण परिवार में कांतिलालजी शुक्ल के यहां सन -------में आपका जन्म हुआ था / सात भाई बहनो में आप दूसरे नंबर पर सबसे बड़े थे और अपने बड़े होने की जवाबदारी को परिवार के प्रति आपने बखूबी निभाया / शैशव से यौवन तक आप अपनी अद्वितीय प्रतिभा से समय समय पर परिवार और समाज को प्रभावित करते रहे आप एक चिंतक विचारक और लेखक के साथ ही श्रेष्ठ ओजस्वी वक्ता थे / अपने विधार्थी जीवन में आप तात्कालीन समय में प्रदेश के सबसे विशाल होल्कर महाविधालय में सेलिब्रेशन सेक्रेटरी चुने गये तथा सन १९५२ में आपने छात्रों के विशाल आंदोलन जिसमे आजाद भारत के इतिहास में पहलीबार इंदौर में पुलिस द्वारा गोली चलाई गयी थी का नेतृत्व किया जिसकी वजह से आपको काफी समय पुलिस से बचने हेतु भूमिगत होना पड़ा था / यही से आपका सक्रीय राजनीती में प्रवेश हुआ पार्षद फिर इंदौर के महापौर चुने गये / आपकी अद्वितीय प्रतिभा ने तत्कालीन कांग्रेस नेतृत्व पंडित द्वारकाप्रसाद मिश्रा को काफी प्रभावित किया जो कालांतर में आपके राजनैतिक गुरु रहे जिनका मरते दम तक आप को पुत्रवत स्नेह प्राप्त हुआ /मालवा के ब्राह्मणो के आदर्श चरित्र परम भगवती उपासक भैय्या की राजनीतिक सूझ बुझ का लोहा तत्कालीन राजनीती के बड़े बड़े दिग्गज भी मानते थे ! आपको राजनीती में ब्राह्मणवाद के प्रणेता के रूप में देखा जाता है ! गृहस्थ संत राजनीतिक सूझबूझ और संभावनाओं के भविष्य द्रष्टा भैय्या राजनैतिक चरित्र की आदर्श मिसाल थे उनकी राजनैतिक सूझबूझ उनके अनुयायियो के लिए सीढ़ी की तरह थी जिस की बदौलत कइयों ने राजनैतिक उपलब्धियां हांसिल की ।
श्रदेय भैय्या अपने राजनैतिक सफर में इंदौर के मेयर फिर मध्य्प्रदेश कांग्रेस के महासचिव एवं विधानसभा में उपाध्यक्ष तथा प्रदेश के सूचनाप्रसारण तथा गृह राजयमंत्री पद पर सुशोभित रहे / सराहनीय राजनैतिक उपलब्धियां प्राप्त करने वाले भैय्या काजल की कोठरी में भी बेदाग़ रहे और उनका स्वभाव व् आत्मीय व्यवहार कभी नहीं बदला अहंकार रहित अति संतोषी भैय्या को जीवन में कभी भी पद प्रतिष्ठा मान सम्मान किसी व्यक्ति या वस्तु के लिये आतुर होते नहीं देखा माँ भगवती के प्रति आपकी असीम आस्था थी / भैय्या का जीवन एक खुली किताब की तरह है जिससे हमे ईमानदारी धैर्य संयम सब्र और आपार संतोष से सुखी और आदर्श जीवन जीने की सिख मिलती है /

आसमान की तरह निश्छल समुद्र के समान विशाल ह्रदय वाले तथा पृथ्वी के सामान धैर्यवान भैय्या के जीवन चरित्र को रेखांकित कर सकूँ इतना सामर्थ मुझ में और मेरी कलम में नहीं है ?
संत ह्रदय भैय्या को शत शत नमन //
/ आपसे पुत्रवत स्नेह प्राप्त कर कृतार्थ /
// धीरज- दुबे एड. //

Thursday 8 June 2017

स्वर्गीय नारायण प्रसाद शुक्ला // भैय्या // मेरी नजर से ?

 स्वर्गीय  नारायण प्रसाद  शुक्ला  मेरी नजर से ?
श्रदेय नारायण प्रसाद  शुक्ला का जन्म  जूनि इंदौर के   विद्वान कर्मकांडी प्रतिष्ठित  ब्राह्मण  परिवार में   कांतिलालजी  शुक्ल  के यहां   सन  -------में हुआ था / सात भाई  बहनो में आप दूसरे  नंबर पर सबसे बड़े थे और अपने  बड़े होने की जवाबदारी को परिवार के प्रति आपने बखूबी निभाया / शैशव से यौवन तक  आप अपनी अद्वितीय प्रतिभा से  समय समय पर   परिवार और समाज को प्रभावित  करते रहे  आप एक चिंतक विचारक और लेखक के साथ ही  श्रेष्ठ ओजस्वी वक्ता थे / अपने विधार्थी  जीवन में आप  तात्कालीन समय में प्रदेश के सबसे विशाल   होल्कर  महाविधालय में  सेलिब्रेशन  सेक्रेटरी  चुने गये तथा सन १९५२ में आपने  छात्रों  के विशाल आंदोलन  जिसमे आजाद भारत के इतिहास में पहलीबार  इंदौर में पुलिस द्वारा गोली  चलाई गयी थी  का   नेतृत्व किया जिसकी  वजह से आपको काफी समय पुलिस से बचने हेतु भूमिगत होना पड़ा था / यही से आपका सक्रीय  राजनीती में प्रवेश हुआ  पार्षद फिर  इंदौर के महापौर  चुने  गये / आपकी अद्वितीय प्रतिभा ने तत्कालीन कांग्रेस नेतृत्व  पंडित  द्वारकाप्रसाद मिश्रा को काफी प्रभावित किया  जो कालांतर में आपके राजनैतिक गुरु रहे  जिनका  मरते  दम तक आप  को  पुत्रवत  स्नेह  प्राप्त हुआ /मालवा के ब्राह्मणो के आदर्श चरित्र  परम भगवती उपासक भैय्या की राजनीतिक सूझ बुझ का लोहा तत्कालीन राजनीती के बड़े बड़े दिग्गज भी मानते थे ! आपको राजनीती में ब्राह्मणवाद के प्रणेता के रूप में देखा जाता है ! गृहस्थ संत राजनीतिक सूझबूझ और संभावनाओं के भविष्य द्रष्टा भैय्या राजनैतिक चरित्र की आदर्श मिसाल थे उनकी  राजनैतिक  सूझबूझ उनके अनुयायियो के लिए सीढ़ी की तरह थी जिस की बदौलत कइयों ने राजनैतिक उपलब्धियां हांसिल की । 
श्रदेय  भैय्या अपने  राजनैतिक  सफर में इंदौर के मेयर फिर मध्य्प्रदेश  कांग्रेस के  महासचिव एवं      विधानसभा में  उपाध्यक्ष तथा  प्रदेश के  सूचनाप्रसारण  तथा  गृह  राजयमंत्री पद पर सुशोभित रहे / सराहनीय राजनैतिक उपलब्धियां प्राप्त करने वाले भैय्या काजल की कोठरी में  भी  बेदाग़  रहे और  उनका स्वभाव व् आत्मीय व्यवहार कभी  नहीं बदला अहंकार रहित  अति  संतोषी भैय्या को जीवन में कभी भी पद प्रतिष्ठा मान सम्मान किसी व्यक्ति या वस्तु के लिये आतुर  होते नहीं देखा / भैय्या  का जीवन  एक खुली  किताब की तरह है  जिससे  हमे  ईमानदारी  धैर्य  संयम सब्र और आपार संतोष  से सुखी और आदर्श जीवन जीने  की प्रेरणा  मिलती है /

        आसमान की तरह  निश्छल  समुद्र  के  समान  विशाल ह्रदय वाले  तथा  पृथ्वी  के सामान  धैर्यवान  भैय्या  के  जीवन चरित्र को रेखांकित  कर  सकूँ  इतना सामर्थ  मुझ  में और मेरी  कलम में नहीं  है ?
संत  ह्रदय  भैय्या को शत शत  नमन //
 / आपसे  पुत्रवत  स्नेह प्राप्त कर कृतार्थ /
// धीरज- दुबे  एड. //

Wednesday 7 June 2017

शिवराज सरकार ने उपद्रवियों को प्रोत्साहित करने हेतु ?

शिवराज सरकार ने उपद्रवियों को प्रोत्साहित करने हेतु उपद्रव में मरने वालों को एक करोड़ घायलो को पांच लाख रुपये देकर आदमी की जान का सरकारी समर्थन मूल्य तय किया। हिंदी फिल्म पिपली लाईव की तरह प्रदेश के किसानों को अपने परिवार की आर्थिक दशा सुधारने का सुनहरा अवसर उपद्रव करो घायल हो तो 5 लाख औऱ मरो तो एक करोड़ रु ईनाम पाओ । जल्दी हाइवे जाओ हुड़दंग मचाओ शिव मामा के गुण गाओ ।

Saturday 3 June 2017

चिड़िया चुग गयी खेत अब पछताए क्या हो ?

मध्य्प्रदेश का  किसान आंदोलन  असल में  ग्रामीणों के   आक्रोश का नतीजा  है  ? प्रदेश सरकार  ने  धोखेबाजी  कर  केंद्र सरकार द्वारा  पारित भूमि अधिग्रहण बिल  में  किया गया संशोधन  है  जिसमे केंद्र  सरकार  ने  ग्रामीण क्षेत्रों में  गाइड लाइन से  चार गुना और शहरी  क्षेत्रों  में  दुगना  मुआवजा  देने का प्रावधान किया था / लेकिन  शिवराज सरकार ने   इसे  स्वीकार न करते  हुये  इसमें  संशोधन  कर   मनमाने  अधिग्रहण  के खिलाफ   किसानो से न्याय  हेतु कोर्ट   जाने का अधिकार भी  छीन लिया  है  /  लेकिन     समय रहते न किसान चेते    और न मृत  प्राय  विपक्ष  को  समझ आया की  बिल  सरकार ने कब पास कराया ?
चिड़िया चुग गयी खेत अब  पछताए क्या हो ? इसके दूरगामी परिणाम  आगामी विधानसभा चुनाव के बाद   भाजपा की  सरकार दिखाएगी ?