सिंहस्थ
मेले के दौरान ही सी एम शिवराज सिंह चौहान ने संकेत दिए थे। सरकारी या दान
की जमीनों पर बने मंदिरों को सरकारी घोषित कर दिया जाएगा ? और इन मंदिरों
में सेवा कर रहे पुजारियों की जगह नई नियुक्तियां होेंगी। नियुक्ति के
अधिकार नगरीय निकाय या ग्राम पंचायत को मिलेंगे। कुल मिलाकर मंदिरों में अब
राजनीति होगी।और सरकार समाज में ब्राह्मणों का मान सम्मान और स्वाभिमान को
नष्ट कर मनुवादियो का सत्यानाश कर दलित अर्जेन्टा और तुष्टिकरण हेतु काम
कर ही है / इसके लिए कानून का प्रारूप तैयार किया
गया है,? जो विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा। और जैसा कि होता आया
है। विधानसभा में हंगामे के बीच यह कानून पारित भी हो जाएगा शिवराज मोदी
की लोकप्रियता का लाभ ले ? ब्राह्मणों को लात दे दलित और पिछडो के
लोकप्रिय नेता बनने चले है विश्वनाथ प्रतापसिह की तरह ? भोपाल के पत्रकार मनोज तिवारी की रिपोर्ट के
अनुसार प्रदेश में ऐसे 25 हजार से ज्यादा मंदिर होने का अनुमान है। इनमें
से 21 हजार की सूची तैयार कर ली गई है। इसका प्रारूप वरिष्ठ सदस्य सचिव
समिति को भेजा जा रहा है। संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मनोज श्रीवास्तव
ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि इस प्रारूप पर अभी काम चल रहा है।
पुजारी, व्यवस्थाओं में सुधार ?
फिलहाल प्रबंधन व व्यवस्था में बदलाव नहीं होगा। संचालन के लिए हर मंदिर की अलग समिति होगी, जिसका प्रबंधन कलेक्टर, एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार संभालेंगे। इसमें स्थानीय लोग भी होंगे।
पुजारियों की नई नियुक्ति होगी ?
जो पुजारी अभी काम कर रहे हैं अयोग्य पुजारी होने पर नई नियुक्ति होगी। स्थानीय निकाय पुजारी नियुक्त कर सकेंगे। गांव में यह अधिकार ग्रामसभा को होगा जो राजनैतिक तोर पर नियुक्तियां होगी ? सरकार ने इसमें यह तय नहीं किया है कि पुजारी का पद ब्राह्मण समाज के लिए ही आरक्षित होगा या नही ?
कलेक्टर कर रहे मंदिरों का चयन
जिलों में मंदिरों का चयन कलेक्टर करेंगे। सूत्र बताते हैं कि 40 कलेक्टरों ने काम पूरा कर लिया है। अभी मंदिरों का आंकड़ा 21 हजार के पार पहुंच गया है ? ब्राह्मणों से उनके पुजारी होने का अधिकार भी छीना जा रहा है और व्यवस्था अनुसार समाज अन्य तब को गेर ब्राह्मणों को पुजारी पद पर नियुक्त किया जा सकेगा ? जिसका राष्ट्रीय ब्राह्मण युवजन सभा विरोध करती है और मांग करती है की पुजारी पद पर सिर्फ ब्राह्मणों को ही नियुक्त किया जाये ? राष्ट्रीय ब्राह्मण युवजन सभा की माँग है पुजारी पद ब्राह्मणों के लिए आरक्षण किया जाए ?
धीरज दुबे एड.
/ राष्ट्रीय प्रवक्ता /
// राष्ट्रीय ब्राह्मण युवजन सभा //
पुजारी, व्यवस्थाओं में सुधार ?
फिलहाल प्रबंधन व व्यवस्था में बदलाव नहीं होगा। संचालन के लिए हर मंदिर की अलग समिति होगी, जिसका प्रबंधन कलेक्टर, एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार संभालेंगे। इसमें स्थानीय लोग भी होंगे।
पुजारियों की नई नियुक्ति होगी ?
जो पुजारी अभी काम कर रहे हैं अयोग्य पुजारी होने पर नई नियुक्ति होगी। स्थानीय निकाय पुजारी नियुक्त कर सकेंगे। गांव में यह अधिकार ग्रामसभा को होगा जो राजनैतिक तोर पर नियुक्तियां होगी ? सरकार ने इसमें यह तय नहीं किया है कि पुजारी का पद ब्राह्मण समाज के लिए ही आरक्षित होगा या नही ?
कलेक्टर कर रहे मंदिरों का चयन
जिलों में मंदिरों का चयन कलेक्टर करेंगे। सूत्र बताते हैं कि 40 कलेक्टरों ने काम पूरा कर लिया है। अभी मंदिरों का आंकड़ा 21 हजार के पार पहुंच गया है ? ब्राह्मणों से उनके पुजारी होने का अधिकार भी छीना जा रहा है और व्यवस्था अनुसार समाज अन्य तब को गेर ब्राह्मणों को पुजारी पद पर नियुक्त किया जा सकेगा ? जिसका राष्ट्रीय ब्राह्मण युवजन सभा विरोध करती है और मांग करती है की पुजारी पद पर सिर्फ ब्राह्मणों को ही नियुक्त किया जाये ? राष्ट्रीय ब्राह्मण युवजन सभा की माँग है पुजारी पद ब्राह्मणों के लिए आरक्षण किया जाए ?
धीरज दुबे एड.
/ राष्ट्रीय प्रवक्ता /
// राष्ट्रीय ब्राह्मण युवजन सभा //