Saturday 30 December 2017

विकास '' मिया मिठू बन गया '' ?

A B P न्यूज़ ने साल २०१७ का '' व्यक्ति विशेष '' चुनने हेतु देश की जनता से ओपिनियन माँगा तो ६० प्रतिशत लोगो ने हार्दिक पटेल को २६ प्रतिशत लोगो ने मोदी को और ७ प्रतिशत लोगो ने राहुल के पक्ष में वोट दिए ? इससे घबरा कर गोदी चैनल ने '' यू टर्न '' ले कहा वर्ष के दो व्यक्ति विशेष चुने जायेगे , एक हार्दिक को जनता ने चुना और दूसरा A B P न्यूज़ चैनल के एडिटरों ने  मोदी को और इस तरह विकास '' मिया मिठू बन गया         

Friday 29 December 2017

फिर देखो सरकार कैसे न बन पाए ?

कांग्रेस को  उम्मीदवार  बदलना होगा ।
कांग्रेस को पूरा  फेरबदल  करना होगा   सभी जगह  उम्मीदवार  बदलना होगा । इन्दिराजी ने अपने राजनीतिक जीवन मे दो बार यह प्रयोग कर सत्तासीन हुई ? राहुल गांधी को चाहिए कांग्रेस में नया नेतृत्व पैदा करे, सारे अप्रासंगिक हो चुके और सत्ता का दोहन कर चुके भूतपूर्वो के भरोसे अपना भविष्य तय न करे ?   पुराने हारे जीते  को  न आजमाया इनको '' लोकसभा '' की तैयारी कराये  लोकसभा क्षेत्र की विधान सभा सीटों पर जिम्मेदार बनाये  मध्यप्रदेश  विधान सभा चुनावी समर में  सबसे ज्यादा  आवश्यकता  कांग्रेस को   मालवा  निमाड  पर  ध्यान देने और टिकिट वितरण  खरी कसौटी पर  तय   करना होगा ,पुश्तैनी  दावेदार और उनके जानी दुश्मन दावेदारों को दरकिनार कर ,नया नेतृत्व सामने लाये , उनमे से कोइ नहीं  होगा तो सबको संगठित  कर सामूहिक नेतृत्व पैदा  किया जा सकेगा   /  पुराने  जीते , हारे मठाधीशो को  लोकसभा क्षेत्र की  विधानसभा सीटों का जिम्मेदार बनाये  आगे की तैयारी कराये ? फिर देखो  सरकार कैसे न बन पाए ?   
            मध्यप्रदेश  विधान सभा चुनावी समर में  सबसे ज्यादा  आवश्यकता  कांग्रेस को   मालवा  निमाड  पर  ध्यान देने और टिकिट वितरण  खरी कसौटी  पर करना होगा ,

// देश के होनहार छात्रों पर हो रहा अत्याचार कभी नजर आएगा //

कड़वा सच ?
// देश के होनहार छात्रों पर हो रहा अत्याचार कभी नजर आएगा //
/जिस तरह 3 तलाक मुस्लिम बहनो का शोषण कर रहा था, उसी तरह सालों से आरक्षण शोषण कर रहा है। मोदी सरकार को मुस्लिम महिलाओ का शोषण नजर आता लेकिन देश के होनहार छात्रों पर हो रहा अत्याचार कभी नजर आएगा ? इसके लिए संसद में क्या कभी बिल लाया जाएगा ? यह कुप्रथा कब खत्म होगी जो सिर्फ 70 सालो से होनहारों की बलि ले रही है , आये दिन प्रतिभाओं का हनन होता है सवर्ण छात्र मन ही मन यह मान लेता है कि उसको तो नौकरी मिलनी ही नही है।ऐसी कौन सी व्यवस्था सरकारे चला रही है जो 70 सालों से गरीबी नही दूर कर पायी और जो सम्पन्न थे वो और संम्पन होते जा है , और पड़ा लिखा माध्यम वर्गीय इस व्यवस्था से शोषित और पीड़ित है , आज उनके बच्चे त्रस्त होकर आत्महत्या तक कर लेते हैं। क्या समानता का अधिकार सवर्ण बच्चों को नही है ?

ढोंगी योगी को शर्म आये आज गौरव नष्ट हो रहा है ?

     गीता प्रेस गौरखपुर  बंद होने    की कगार पर है।   ज़ी न्यूज़ के अनुसार गीता प्रेस इस परिस्थिति में नही है कि वो अपने कार्यकर्ताओं की पगार भी दे सके,क्योंकि वे सनातन धर्म की किताबें बिना किसी फायदे के बेच रहे है।अगर गीता प्रेस बंद हो गयी तो यह हमारे धर्म की बहुत बड़ी हार होंगी।  सनातन धर्म के  शास्त्रोक्त  ,प्रमाणिक  साहित्य    सहज  सरल और अति सस्ते में आप पा सकते   है /  आप हनुमान चालीसा पा सकते हैं सिर्फ एक या दो रुपये में गीता प्रेस के द्वारा छपी ''गीताप्रेस ''    ने हिन्दू धर्म का पोषण किया है / अगर आप वाकई में हिन्दू धर्म  को  बचाने   की इच्छा रखते हैं ,तो आप जरूर  एक  पोस्टकार्ड योगी को  लिखे  ताकि गीता प्रेस बंद होने से बच सके  ? और  ढोंगी  योगी  को  शर्म आये , जिस गोरखपुर ने  इतना  विशवास और  सम्मान दिया   आज उसका  गौरव   नष्ट हो रहा है ?

Tuesday 26 December 2017

कांग्रेस यहाँ क्यों हारती है ?

  कांग्रेस  मध्यप्रदेश  प्रभारी ने पूछा  कांग्रेस  यहाँ  क्यों हारती है ?
टिकिट के लिए एक नाम ऊपर से आता , सारे दावेदारों के बिच वो अकेला  पड़ जाता ?
सभी  को विश्वास में लाईये , एक  साथ बिठाइये ,  सामंजस्य बनाइये , सब को उचित सम्मान और  स्थान  दिलाइये   , सामूहिक चुनाव लडाइये ?

बैंक कभी भी आपकी जमापूंजी हड़प सकता है।

यह आपके लिए नोटबंदी से भी ज्यादा चौंकाने वाली खबर है। आपकी जिंदगी भर की जमापूंजी (SAVING/ INVESTMENT) जिसे आपने BANK में इसलिए रखा है, क्योंकि वो वहां सुरक्षित रहेगी, अब खतरे में हैं। बैंक कभी भी आपकी जमापूंजी हड़प सकता है। आपको आपकी FD या सेविंग खाते में मौजूद पैसे का भुगतान करने से इंकार कर सकता है। नरेंद्र मोदी सरकार के नए कानून FRDI BILL में बैंकों को इस तरह के अधिकार दिए जा रहे हैं। यह कानून संसद के शीतकालीन सत्र में पेश होगा और विपक्षी सांसदों की संख्या काफी कम होने के कारण पूरी उम्मीद है कि पास भी हो जाएगा। इसका पूरा नाम है फाइनेंशियल रेजोल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल -2017.  (FINANCIAL RESOLUTION AND DEPOSIT INSURANCE BILL 2017) आपकी गाढ़ी कमाई होगी बैंक की
सबसे बड़ा सवाल बैंकों में रखे आपके पैसे को लेकर है। यह बिल बैंक को अधिकार देता है कि वह अपनी वित्तीय स्थ‍िति बिगड़ने की हालत में आपके जमा पैसे लौटाने से इनकार कर दे और इसके बदले आपको सिक्योरिटीज अथवा शेयर दे दे।

क्या है एफआरडीआई बिल ?
फाइनेंशियल रेजोल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल (एफआरडीआई बिल) वित्तीय संस्थानों के दिवालिया होने की स्थिति से निपटने के लिए बनाया गया है। जब भी कोई बैंक अपना कारोबार करने में सक्षम नहीं होगा और वह अपने पास जमा आम लोगों के पैसे लौटा नहीं पाएगा, तो उस बैंक को इस संकट से उभारने में मदद करेगा ये एफआरडीआई बिल। किसी भी बैंक, इंश्योरेंस कंपनी और अन्य वित्तीय संस्थानों के दिवालिया होने की स्थ‍िति में उसे इस संकट से उभारने के लिए यह कानून लाया जा रहा है।

आम आदमी के लिए इसलिए है चिंताजनक ?
इस प्रस्तावित कानून में 'बेल इन' का एक प्रस्ताव दिया गया है। अगर इस प्रस्ताव को मौजूदा मसौदे के हिसाब से लागू कर दिया जाता है, तो बैंक में रखे आपके पैसों पर आपसे ज्यादा बैंक का अधिकार हो जाएगा। इससे बैंकों को एक खास अधिकार मिल जाएगा। बैंक अगर चाहें तो खराब वित्तीय स्थ‍िति का हवाला देकर आपके पैसे लौटाने से इनकार कर सकते हैं। इसके बदले वह आपको शेयर्स व अन्य प्रतिभूति दे सकते हैं। जिसे आप न चाहें, तो भी लेना होगा।

क्या होता है बेल-इन ?
बेल-इन का साधारण शब्दों में मतलब है कि अपने नुकसान की भरपाई कर्जदारों और जमाकर्ताओं की जेब से करना। इस बिल में यह प्रस्ताव आने से बैंकों को भी यह अधिकार मिल जाएगा। जब उन्हें लगेगा कि वे संकट में हैं और उन्हें इसकी भरपाई करने की जरूरत है, तो वह आम आदमी के जमा पैसों का इस्तेमाल करना शुरू कर देंगे। इस मामले में सबसे डरावनी बात यह है कि बैंक आपको ये पैसे देने से इनकार भी कर सकते हैं। हालांकि वित्त मंत्री अरुण  जेटली ने इस प्रस्ताव को पूरी तरह परिभाषित करने के लिए कहा है, जो फिलहाल मसौदे में किया नहीं गया हैं

'' बकरे की माँ कबतक खेर मनाएगी '' '' बैंक तो जायेंगी,'' ?

 यदि  बैंक का  एन पी ए, तीस  प्रतिशत - हो जाय ?  तो रिजर्व  बैंक  लॉक आउट  कर देती है , लेकिन  राष्ट्रीयकृत  बैंको  का  एन पी ए,चोपन , पचपन  प्रतिशत  है ,और  लगातार बढ़ रहा है , ऊपर से नोटबंदी और जी एस टी  ने इसे  चरम पर  पहुंचाने  में कोई  कसर  नहीं की  सात  सौ   चौतीस लाख करोड़ रु  का एन पी ए, आर ,बी आय  की  बर्दाश्त के बाहर है,   कवर   नहीं किया जा सकता ?  हांलाकि , मिनिमम  बेलेन्स  पेनल्टी  ने बैंको  को संजीवनी  दी जरूर   है , लेकिन यदि कोई चमत्कार नही   हुआ तो  '' बकरे की  माँ  कबतक  खेर  मनाएगी  '' बैंक  तो   जायेंगी,''  तब  लोगो को  अक्ल  आएगी ?

Monday 25 December 2017

गुजरात के चुनावी नतीजों से सबक लेना चाहिये ?

   मजदूर   किसान   के  बाद  देश   के   १८  कार्पोरेट्स   घरानो   को   छोड़  शेष   उधोग  जगत     से   लेकर   तिहाड़ी   मजदूर   तक   निराश   और   हताश    है  ! क्योकि   मध्यप्रदेश में  राजतंत्र   की  तरह  लगातार   सत्ता   का   दायरा   सिमित   रहने  से   सड़ने   लगा   है  !इसमे   से   उठती  अनाचार   की  गंध    से   लाखो  नोजवानो   का   भविष्य   व्यापम   ने  बर्बाद   कर   दिया  ! और  इससे    पनप विषैली  भ्रष्टाचार  की गैस ने  सारे   प्रसाशन  तंत्र   को  आछांदित ,  स्वछंद   और  विकास  के नाम पर   निरंकुश कर  दिया  ! मोदीजी   को   स्वच्छ   भारत  अभियान  के  लिये  सड़क  की नही  पहले   सत्ता और   संगठन   की   झाड़ा   झटकी   करनी   चाहिये  ! गुजरात  के   चुनावी   नतीजों से  सबक लेना चाहिये  ?

Sunday 24 December 2017

ब्राह्मण गौरव, भारत रत्न जो देश भक्ति को धर्मं का अंग मानते थे,?

ब्राह्मण गौरव, भारत रत्न जो देश भक्ति को धर्मं का अंग मानते थे, जो शिक्षा को जन जन तक पहुँचाना चाहते थे,  आज   दिसम्बर   ,  . पंडित मदन मोहन मालवीय,महामना {भारत रत्न }  की १५६ वीं जयंती है | महामना मालवीयजी ब्राह्मण गौरव के साथ देश के रत्न भी थे | उनके सिद्धांत ,उनकी सौच ,उनके विचारों ने उन्हें सदा महामना ही साबित किया | गरीबी,अशिक्षा को उन्होंने बचपन से ही काफी करीब से देखा और तभी से मानव सेवा ,समाज सेवा का जज्बा उनके भीतर जाग्रत हो गया था |देश-भक्ति को वे धर्मं का ही हिस्सा मानते थे,उन्होंने साम्प्रदायिकता का सदा विरोध किया और सामाजिक सदभाव तथा समरसता पर सदा जोर दिया और सदा इसी बात को दोहराया कि साम्प्रदायिकता के विष को कभी अपने भीतर पनपने ना दे | निरक्षरता को दूर करने और जन जन तक शिक्षा को पहुंचाने को संकल्पित महामना ,शिक्षा को देश की उन्नति की आधारशिला मानते थे |उन्होंने पदों का कभी लालच नहीं किया और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना अपने पुरुषार्थ से की |हिंदी के प्रबल समर्थक महामना का मानना था कि बिना हिंदी के ज्ञान के देश की उन्नति संभव नहीं |भारतीय समाज के लिए ,देश के लिए उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया ,ये बात और है तात्कालिक सरकारों ने उन्हें भारत रत्न से काफी देर से विभूषित किया,इसे हम विडम्बना ही कह सकते है |इस आदर्श व्यक्तित्व ने अपना समस्त धन ,भूमि ,शिक्षा और ज्ञान को सदा ही वितरीत किया जन समुदाय में | ऐसे महापुरुष की जयंती पर कल श्री गौड़ ब्राह्मण समाज दो बड़े आयोजन कर रहा है ,पहला आयोजन  प्रतिवर्षानुसार  महामना की रेती मंडी,राजेंद्र नगर इंदौर ,  स्थित प्रतिमा पर सुबह ९.३० बजे  माल्यार्पण और दूसरा दोपहर १२ बजे से पंडित मदन मोहन मालवीय समाज विद्या निकेतन लोहा मंडी  इंदौर पर   होगा , आप सभी  ब्राह्मण  समाजजन आयोजन में  सहभागी हो अपने आप को गौरान्वित करे ?   

Thursday 21 December 2017

लोकसभा चुनाव भी छल कपट और बेईमानी से की गई औपचारिकता होंगे ?

 अहमदाबाद में भाजपा ने 21 में 16 सीटें जीतीं सूरत की 16 सीटों में १५ वडोदरा की 10 में से 9राजकोट में 8 में से 6 सीटें।यानी प्रदेश के चार बड़े शहरों की 55 सीटों में 46 भाजपा को मिली हैं।अब घड़ी भर को इन चार शहरों को अलग रख कर देखें। तोबाक़ी 127 सीटों में किसको क्या मिला -भाजपा - 53 कांग्रेस - 71अन्य को - ३ ज़ाहिर है, भाजपा की जीत महज़ चार शहरों की जीत है, समूचे गुजरात राज्य की तो नहीं। कल गुजरात चुनाव के नतीजे आए थे मैंने चुनाव के सारे आंकड़ों पर शोध किया तो निमनलिखित बातें उभरकर सामने आई :- अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, राजकोट यानी प्रदेश के चार बड़े शहरों की 55 सीटों में 46 भाजपा को मिली हैं, यह सभी वह शहर हैं जिनमें बहुत कम लगभग ना के बराबर वीवीपैट मशीन लगाई गई थी!! वागरा, गोधरा, धोलका, बोटाद, विजापूर और सूरत की सीटों पर यह माना जा रहा था व्यापारी जीएसटी और नोटबंदी के कारण बीजेपी को वोट नहीं देंगे लेकिन सभी सीटें बीजेपी जीत गई महत्वपूर्ण बात तो यह है यहां वीवीपैट मशीन लगी थी जिन्नकी गिनती करने से इलेक्शन कमीशन ने मना कर दिया!! इलेक्शन कमीशन ने कहा  वीवीपैट  पर्चियों का मिलान  ईवीएम  से नही होगा, सुप्रीम कोर्ट ने कहा हम दखल नही देंगे, ये दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र  का मजाक है/ तीन सीटें ऐसी रही जहां कांग्रेस की जीत चुनाव आयोग द्वारा घोषित की जा चुकी थी उसके बाद  बीजेपी   के आग्रह पर रीकाउंटिंग हुई और बीजेपी तीनों सीट जीत गई, अब सवाल ये उठता है दोबारा काउंटिंग में  बीजेपी   के वोट कैसे बढ़ गए ! गोधरा सीट कांग्रेस 108 वोटों से जीत गई थी फिर दोबारा काउंटिंग में गोधरा सीट  बीजेपी   ने 96 वोट से जीती, अगर तीसरी बार भी गिनती कर ली जाती तो मुमकिन था   बीजेपी   9600 वोटों से जीत जाती ! गुजरात  मे 50128 मतदान केन्द्र और सिर्फ 182 केन्द्रों पर वीवीपैट  गिना गया, जब ईवीएम का वीवीपैट से मिलान ही नहीं करना तो   वीवीपैट लगाई ही क्यों थी ? पहले डेढ़ घंटे कांग्रेस आगे थी क्योंकि बैलेट पेपर और पोस्टल पेपर की गिनती चल रही थी जैसे ही ईवी एम की गिनती शुरू हुई  प्रजातंत्र के साथ के धोखेबाजी शुरू  हुई ? बेडरोड़ गांव बूथ नंबर 19 मैं कुल वोटों की संख्या 1199 है इलेक्शन कमिशन पर बीजेपी को जिताने का भूत इस तरह सवार था की वोटों की गिनती 1776 कर दी जब की कुल वोट 1199 है ! भारत को ईवीएम चिप देने वाली कंपनी ने अमेरिका की अदालत में यह स्वीकार किया कि  प्रोडक्ट की हैकिंग हो सकती है फिर इलेक्शन कमीशन यह क्यों कह रहा है  हैक नहीं हो  सकती ?लेकिन सब का निष्कर्ष एक ही है चुनाव आयोग, मीडिया और बीजेपी ने मिलकर बड़े योजनाबद्ध तरीके से गुजरात चुनाव पर काम किया और चुनाव जीता, इस बात का भी विशेष तौर पर ध्यान रखा गया सीटों की संख्या ओपिनियन पोल, एग्जिट पोल और फिर काउंटिंग में कैसे मैनेज की जाए ताकि लोग कम से कम संदेह करने की स्थिति में रहें  क्योंकि 23 सीटें कांग्रेस 700 वोटों से कम के अंतर से हारी है और इनमें 3 सीट  तो कांग्रेस जीत चुकी थी लेकिन दोबारा काउंटिंग में हार गई ! अगर देश के समूचे  विपक्ष और जनता ने  इन  चालबाजियों  से सबक  नहीं लिया तो  आने  वाले  लोकसभा चुनाव  छल कपट और  बेईमानी से  की गई  औपचारिकता होंगे ?

Wednesday 20 December 2017

प्रधानमंत्री भावुकता का खेल खूब खेलते हैं।

2014 का लोकसभा चुनाव हो या हाल का गुजरात विधानसभा चुनाव। प्रधानमंत्री भावुकता का खेल खूब खेलते हैं। गुजरात चुनाव में प्रचार के दौरान उन्होंने गुजराती अस्मिता और दूसरे बहानों से खूब भावनात्मक कार्ड खेला बुधवार को हुई संसदीय दल की बैठक में भी मोदी की आंखों में आंसू नजर आए। मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के दौर की याद करते हुए कहा कि उनके शासन में देश के 18 राज्यों में उनकी पार्टी की सरकार थी, लेकिन आज देश के 19 राज्यों में बीजेपी और उसके सहयोगियों की सरकार है।लेकिन गुजरात चुनाव के नतीजों से बीजेपी और मोदी काफी परेशान हैं । सोमवार को दिल्ली में पार्टी मुख्यालय पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भी वे काफी परेशान और चिंतित नजर आ रहे थे।गुजरात में 100 से कम सीटें और पिछले लोकसभा चुनावों के मुकाबले वोटों में करीब 11 फीसदी का झटका लगने से मोदी को अपना राजनीतिक भविष्य डांवाडोल नजर आने लगा है। इसीलिए उन्होंने सांसदों से अगले लोकसभा चुनावों की तैयारी करने को कहा है।

 

Friday 15 December 2017

परिपक्क राजनेता होने का परिचय दोहरा दिया ?

 कांग्रेस  नेता   राहुल गांधी  ने   गुजरात  चुनाव ,की  शुरुआत   गुजरात  के स्थानीय   मुद्दे   बुनियादी  सुविधा  पानी बिजली ,  एजुकेशनल ,  एम्पालयमेंट   और '' विकास  की  हकीकत ''   को हथियार बनाकर   अच्छी   की थी , परन्तु राज्य सरकार  के घोटाले आनंदी बेन  और  उनके  मंत्रीयो  के   कारनामे  और ,  सबसे  ज्यादा  भाजपा  विधायक  मंत्रीयो   के   सामंती  अहंकार  से   उपजे   असंतोष  की   भारी   भीड़  को  एकत्रित  और  समर्थित करने में राहुल गांधी  सफल हो पाते ,  इससे पहले   बीजेपी  नेताओ  ने   बड़ी  चतुराई से  ये चुनाव  मोदी   विरुध्द  राहुल   में तब्दील  कर दिया ?  तू तू  में में  करने पर मजबूर कर दिया  और  सारा दोष कांग्रेस के सरमढ़  दिया , गुजरात  की  जनता को   इमोशनल  ब्लेकमेल  कर दिया ? यहाँ  तक की   जो   युवा तुर्क पुरे चुनाव में घमासान  मचा  रहे  थे , अपने  पुरे  चुनाव  प्रचार में   मोदी ने   उन  तीनो का तो   जिग्र  तक नहीं किया ?  एक   परिपक्क   राजनेता  होने का  परिचय  दोहरा दिया /
 '' अपना  लोहा  मनवा दिया ''  ?

Tuesday 5 December 2017

राम मंदिर के मामले में तो नहीं हुआ ?

महाभारत में  कर्ण  के पास  एक अमोध  शक्ति थी  जो उसने  अर्जुन के लिए संभाली थी , लेकिन  समय आने पर  घोटोतकच  पर  चलानी पड़ी , कहि ऐसा ही  बीजेपी  के साथ राम मंदिर  के मामले में तो नहीं  हुआ  ? 

Monday 4 December 2017

भारतीय राजनीती के देदीप्यमान धूमकेतु ,

  भारतीय  राजनीती के देदीप्यमान  धूमकेतु ,

                                                    परम् आदरणीय अमित शाहजी /

                                                                         सादर वंदन /

समाज का  शाकाहारी  सहिष्णु हिंदु  ,स्वर्ण  और विशेषकर ब्राह्मण सदा से  भाजपा का अनुयायी  रहा है,  ब्राह्मण बुध्दिजीवी तबका  होने  से   समाज में  अनेक विचार धारा प्रवाहित रही है , लेकिन सदा से  समाज की धारणा  बनाते आ रहे ब्रह्म  समाज ने 2019  के लोक सभा चुनाव  में मोदीजी के नेतृत्व को एकमत से  स्वीकारा  और इस हेतु  देश के २४ रज्यो में सक्रीय वर्ड रेकॉर्ड  आफ बुक्स  में दर्ज राष्ट्रीय  ब्राह्मण  युवजन सभा  ने  महती भूमिका अदा की , आपने   भाजपा की विजय यात्रा का लोक सभा चुनाव 2014 से  शंखनाद किया जो  उप्र  के  विधान सभा  चुनाव में भी परिलक्षित हुआ है !, हमारे संगठन  ने आपके गौरवशाली नेतृत्व को सराहा और  स्वीकार कर  वर्तमान  लोकसभा चुनाव  में भी  देश के   ब्राह्मणो ने  अपनी  सारी ऊर्जा  आपके नेतृत्व को  समर्पित की है ,/
                  इस  ऐतिहासिक  विजय  के लिये आपके  प्रतिभाशाली अद्वितीय नेतृत्व शक्तिशाली  आत्मविश्वास  का   अभिन्दन है ! ,विश्व में  लोकतंत्र  के  इतिहास  में  जब  भी  चुनाव प्रबंधन  का विषय आएगा , आपका नाम आदर सम्मान और  मिसाल  के तोर पर लिया जाएगा !
         इस ऐतिहासिक  सफलता हेतु  , आपको   कोटि कोटि   नमन !
           जयहिंद , जय भारत !!
               


                                                                                                             भवदीय

                                                                                               भृगुवंशीय आशुतोष पांडेय ,

                                                                                                        अध्यक्ष

                                                                                         //  राष्ट्रीय ब्राह्मण युवजन सभा //

अमानत आंदोलन पूरी तरह सफल हुआ ?

 कड़वा सच ?                                                                                                                                             देश की राजनीती का  नया स्वरूप  गुजरात  में  पाटीदार  समाज  की राजनीती में देखने को आया ,अमानत आंदोलन को जरिया बनाकर  सारे पाटीदार रजनेताओ  ने पाटीदार समाज को संगठित कर शक्ति प्रदर्शन  कराया ,  और इसमें   अन्य पार्टी  नेताओ में  नेतृत्व  का  झगड़ा न रहे  इसलिए  एक २२ वर्ष  के लड़के को सिम्बॉल के रूप  में   सामने लाया  / और  राष्ट्रीय राजनैतिक  पार्टियों  को ब्लेकमेल  करने का  हथियार  बनाया , दोनों  ही  पार्टियों में  पाटीदार  नेताओ का मान   और स्थान   बढ़ाया  , अगर  कांग्रेस  आई  तो अपनी सरकार बनालेगे ,  अन्यथा  जो भाजपा में  है वे  अच्छा   स्थान  पा  लेगे  ,  इसलिए  हार्दिक  को  अभी किसी पार्टी में नहीं डालेंगे  , पिली टोपी लगा   लेंगे ,    राहुल  गांधी  से अलग मंच  सजा  लगे   ? राष्ट्रीय  स्तर पर  अपनी पहचान  बना  लेंगे ?  देश और   प्रदेश  की राजनीती में दोनों ही  पार्टियों में पाटीदारो का  स्थायी   आरक्षण करा  लगे ?  

Sunday 3 December 2017

शिवराज के बारह साल , सारा प्रदेश बेहाल ?

कड़वा सच

मंहगी बिजली , अन्य प्रदेशो से महंगा कच्चा तेल , रिश्तेदारों ने खूब चलाया अवैध खनन का खेल , व्यापम की बात निराली वही जाएगा जेल जिसने इसकी पड़ताल निकाली , अफसर करे मनमानी जन प्रतिनिधि उनके आगे भरे पानी , मुख्यमंत्री का देखो खेल मचा दी घोषणाओं की रेलम पेल , अफसर कसे इन पर नकेल , बारह साल में कोइ तीर न मारा , जबकि सेठीजी नर्मदा , तो अर्जुनसिह  ने  गरीबो को पट्टे और एक बत्ती कनेक्शन दे डाला , और तुमने शहर से लगी हजारो एकड़ जमीन पर स्किम लाद शहर के विकास को रोक डाला , सरकार के पास फूटी कोड़ी नहीं गाँव को न्योता दे डाला ,और बस कन्यादान और तीर्थ दर्शन कराकर अपना पाप धो डाला ?

Saturday 2 December 2017

शिवराज के बारह साल , सारा प्रदेश बेहाल ?

 मंहगी बिजली , अन्य प्रदेशो से महंगा तेल , खूब चला  अवैध खनन का खेल , व्यापम की बात निराली   वही जाएगा जेल जिसने इसकी बात निकाली , अफसर करे मनमानी    जन प्रतिनिधि उनके  आगे भरे पानी , मुख्यमंत्री का देखो खेल रोज करे  नई नई घोषणा , अफसर  कसे इन पर नकेल , बारह साल में कोइ तीर न मारा ,बस कन्यादान और तीर्थ दर्शन  कराकर अपना पाप धो डाला ?