कड़वा सच ? देश की राजनीती का नया स्वरूप गुजरात में पाटीदार समाज की राजनीती में देखने को आया ,अमानत आंदोलन को जरिया बनाकर सारे पाटीदार रजनेताओ ने पाटीदार समाज को संगठित कर शक्ति प्रदर्शन कराया , और इसमें अन्य पार्टी नेताओ में नेतृत्व का झगड़ा न रहे इसलिए एक २२ वर्ष के लड़के को सिम्बॉल के रूप में सामने लाया / और राष्ट्रीय राजनैतिक पार्टियों को ब्लेकमेल करने का हथियार बनाया , दोनों ही पार्टियों में पाटीदार नेताओ का मान और स्थान बढ़ाया , अगर कांग्रेस आई तो अपनी सरकार बनालेगे , अन्यथा जो भाजपा में है वे अच्छा स्थान पा लेगे , इसलिए हार्दिक को अभी किसी पार्टी में नहीं डालेंगे , पिली टोपी लगा लेंगे , राहुल गांधी से अलग मंच सजा लगे ? राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना लेंगे ? देश और प्रदेश की राजनीती में दोनों ही पार्टियों में पाटीदारो का स्थायी आरक्षण करा लगे ?
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