गीता प्रेस गौरखपुर बंद होने की कगार पर है। ज़ी न्यूज़ के अनुसार गीता प्रेस इस परिस्थिति में नही है कि वो अपने कार्यकर्ताओं की पगार भी दे सके,क्योंकि वे सनातन धर्म की किताबें बिना किसी फायदे के बेच रहे है।अगर गीता प्रेस बंद हो गयी तो यह हमारे धर्म की बहुत बड़ी हार होंगी। सनातन धर्म के शास्त्रोक्त ,प्रमाणिक साहित्य सहज सरल और अति सस्ते में आप पा सकते है / आप हनुमान चालीसा पा सकते हैं सिर्फ एक या दो रुपये में गीता प्रेस के द्वारा छपी ''गीताप्रेस '' ने हिन्दू धर्म का पोषण किया है / अगर आप वाकई में हिन्दू धर्म को बचाने की इच्छा रखते हैं ,तो आप जरूर एक पोस्टकार्ड योगी को लिखे ताकि गीता प्रेस बंद होने से बच सके ? और ढोंगी योगी को शर्म आये , जिस गोरखपुर ने इतना विशवास और सम्मान दिया आज उसका गौरव नष्ट हो रहा है ?
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