Thursday 27 August 2015

आरक्षण की हकीकत बयाँ !

आरक्षण  के तीर  का दंश हर समाज जात  बिरादरी को चुभ  रहा है !लेकिन समझदारी से समाज में वर्ग संधर्ष की स्थिति न बने अत: सभी आंदोलनों ने  आरक्षण समाप्त  करने  की   नही   आरक्षण देने की मांग की सबको आरक्षण मिल  जायेगा और फिर इसका कोई मतलब नही रह जायेगा !वैसे भी सत्तर सालो में कोई  नतीजा नही निकला वो दलित हरिजन आदिवासी जिसे इसकी आवश्यकता थी उस तक आजतक पहुंचा ही नही !चंद मुठीभर राजनेता और ब्यूरोकेट्स ने अपने चंगुल में दबा लिया !यदि ईमानदारी से आरक्षित कोटे के कर्मचारी अधिकारियो और नियुक्तियों की परताल की जाय तो आधे से ज्यादा फर्जी है !और जिन्होंने आरक्षित कोटे का लाभ पा राजनैतिक लाभ  क्या लिया पीढ़ी दर पीढ़ी सेट कर लिया बाप  बेटे बहु बेटी ये प्रजातंत्र के रजवाड़े हो गये १ वो आदिवासी आज भी जंगल में खड़ा है ! आवश्यकता  इस बात की  है सत्तर वर्षो की आरक्षण नीति का सिहालोकन कर इसमे आमूल परिवर्तन कर उन लोगो को प्रतिबंधित करे जो लगातार पीढ़ी दर पीढ़ी आरक्षण का लाभ लूटते चले आ रहे है आय सीमा से संबंधित प्रावधन हो और आर्थिक आधार भी हो !इसमे जातिगत समीकरणों     का कोई समावेश न हो !और इसके लिये जरूरी  हे  सभी जाती के लोग अपनी संगठित शक्ति दिखाये प्रजातंत्र की गाडी का स्टेरिंग भीड़ तंत्र के हाथ होता हे !और देश के भीड़ तंत्र ने एक बड़ी प्रजातांत्रिक  क्रान्ती व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर इस उम्मीद से की है की मोदी में वो मादा है! जो सत्ता की परवाह किये बिना लोकशाही में जनहित के कान्ति कारी  निर्णय ले सकते हे और उनकी लोकप्रियता को  कोई सामुदायिक समीकरण प्रभावित नही कर सकता !लेकिन ऐसे कायम रखने के लिये बिना किसी संघ या संगठन के दबाव के इंदिराजी की तरह सख्त निर्णय लेने और कड़े कदम उठाना जरूरी है !





Sunday 9 August 2015

गुजरात के चुनावी नतीजों से सबक लेना चाहिये ?

   मजदूर   किसान   के  बाद  देश   के   १८  कार्पोरेट्स   घरानो   को   छोड़  शेष   उधोग  जगत     से   लेकर   तिहाड़ी   मजदूर   तक   निराश   और   हताश    है  ! क्योकि   मध्यप्रदेश में  राजतंत्र   की  तरह  लगातार   सत्ता   का   दायरा   सिमित   रहने  से   सड़ने   लगा   है  !इसमे   से   उठती  अनाचार   की  गंध    से   लाखो  नोजवानो   का   भविष्य   व्यापम   ने  बर्बाद   कर   दिया  ! और  इससे    पनप विषैली  भ्रष्टाचार  की गैस ने  सारे   प्रसाशन  तंत्र   को  आछांदित ,  स्वछंद   और  विकास  के नाम पर   निरंकुश कर  दिया  ! मोदीजी   को   स्वच्छ   भारत  अभियान  के  लिये  सड़क  की नही  पहले   सत्ता और   संगठन   की   झाड़ा   झटकी   करनी   चाहिये  ! गुजरात  के   चुनावी   नतीजों से  सबक लेना चाहिये  ?

Saturday 1 August 2015

कसाब को इतनी नौटंकी कर क्यों फांसी चढ़ाया ! ये है राजनीती की माया तू नही समजेगा भाया ! !



 अपराधी के एटियूय की न्याय और सजा में अहम भूमिका रहती है ! अपराधी पुलिस को पूछताछ में जांच में क्वाप्रेट करता है या नही ! अपने अपराध और साथियो का पूरा ब्यौरा देने तथा खुद सरेंडर करने ! पर कानून और न्याय से रहम की दरकार लाजमी है ! वार्ना कौन सरेंडर कर कानून की मदद करेगा !तुमसे तो २३ वर्षो में एक को पकड़ते नही बना ! जो खुद चलकर आया उसे प्रजातंत्र के वोट बैंक का हिसा बनाकर खूब भुनाया आधीरात को फांसी का ऐलानकर सबको सकते में डाला प्लेन से मुंबई पहुंचाया जमघट लगवाया जन्मदिन पर फांसी का तोहफा मीडिया ने बार बार बताया ! जारी ब्यान बाजी से मुसलमान हड़बड़ाया और उनका काम बन गया ! थका पचा महंगाई का मारा व्यापम का सताया झूठे वादो का बोझ लिये साम्प्रदायिकता    
का क्रोध लिये हिन्दू वापस इनके  पल्ले बंधा पाया ! ये है राजनीती की माया तू नही समजेगा भाया !