Saturday 1 August 2015

कसाब को इतनी नौटंकी कर क्यों फांसी चढ़ाया ! ये है राजनीती की माया तू नही समजेगा भाया ! !



 अपराधी के एटियूय की न्याय और सजा में अहम भूमिका रहती है ! अपराधी पुलिस को पूछताछ में जांच में क्वाप्रेट करता है या नही ! अपने अपराध और साथियो का पूरा ब्यौरा देने तथा खुद सरेंडर करने ! पर कानून और न्याय से रहम की दरकार लाजमी है ! वार्ना कौन सरेंडर कर कानून की मदद करेगा !तुमसे तो २३ वर्षो में एक को पकड़ते नही बना ! जो खुद चलकर आया उसे प्रजातंत्र के वोट बैंक का हिसा बनाकर खूब भुनाया आधीरात को फांसी का ऐलानकर सबको सकते में डाला प्लेन से मुंबई पहुंचाया जमघट लगवाया जन्मदिन पर फांसी का तोहफा मीडिया ने बार बार बताया ! जारी ब्यान बाजी से मुसलमान हड़बड़ाया और उनका काम बन गया ! थका पचा महंगाई का मारा व्यापम का सताया झूठे वादो का बोझ लिये साम्प्रदायिकता    
का क्रोध लिये हिन्दू वापस इनके  पल्ले बंधा पाया ! ये है राजनीती की माया तू नही समजेगा भाया !

No comments:

Post a Comment