Sunday 9 August 2015

गुजरात के चुनावी नतीजों से सबक लेना चाहिये ?

   मजदूर   किसान   के  बाद  देश   के   १८  कार्पोरेट्स   घरानो   को   छोड़  शेष   उधोग  जगत     से   लेकर   तिहाड़ी   मजदूर   तक   निराश   और   हताश    है  ! क्योकि   मध्यप्रदेश में  राजतंत्र   की  तरह  लगातार   सत्ता   का   दायरा   सिमित   रहने  से   सड़ने   लगा   है  !इसमे   से   उठती  अनाचार   की  गंध    से   लाखो  नोजवानो   का   भविष्य   व्यापम   ने  बर्बाद   कर   दिया  ! और  इससे    पनप विषैली  भ्रष्टाचार  की गैस ने  सारे   प्रसाशन  तंत्र   को  आछांदित ,  स्वछंद   और  विकास  के नाम पर   निरंकुश कर  दिया  ! मोदीजी   को   स्वच्छ   भारत  अभियान  के  लिये  सड़क  की नही  पहले   सत्ता और   संगठन   की   झाड़ा   झटकी   करनी   चाहिये  ! गुजरात  के   चुनावी   नतीजों से  सबक लेना चाहिये  ?

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