Wednesday 30 October 2019

इंदौर अपनी आभा नहीं खो दे पानी के कारण "

एशिया कि सबसे बड़ी और - महगी जल प्रबंधन व्यवस्था  इंदौर की   है , लेकिन  इंदौर  की  नदियों को  मैला डोने का साधन बना कर गंदे नाले में तब्दील कर दिया  गया  तो  किनारो पर  बसाहट  हो गई ,  वही नर्मदा के कुप्रबंधन के कारण  लोग  उस पर निर्भर नहीं रह सकते , इसलिये लोगो ने ट्यूब वेल से इन्दौर कि जमीन को छलनी कर दिया  है, परिणाम में 181% भुजल दोहन करके 2022 तक ज़िरो ग्राउंड पर पहुँच जायेगा। 91% सै अघिक ट्यूब का पानी पीने योग्य नहीं रहा है। फिर भी आघारित शहर इसे पीने को मजबूर है। अत्याधिक बारिश के बाद भी  नर्मदा का सप्लाय  असंतोष पूर्ण  है , डेली  सप्लाय नहीं   होने  से  घर  घर  बोरिंग  अनिवार्य हो गए ,!
 ऐसे  हालत  में   मुमकिन  है ,   कही  इंदौर  अपनी आभा नहीं खो  दे पानी  के  कारण " जागो  और जगाओ !!"

Tuesday 1 October 2019

झाबुआ प्रॉपर का चुनाव , गेर आदिवासियों पर निर्भर करेगा ,!

  झाबुआ प्रॉपर का चुनाव , आदिवासियों के अतिरिक्त , पढ़े लिखे नोजवानो नौकरी पेशा स्वर्ण ब्राह्मण वेश्य जेन अन्य शहरी आबादी गेर आदिवासी  जो  बड़ी  तादाद  में शहरी  जनसंख्या  में  है ,, !   पर निर्भर करेगा ,! जो शहर के  वार्डो   में निवासित  है , जो केंद्र में मोदी को देखना चाहते थे , यदि प्रदेश में कमलनाथ को पसंद करने लगे तो यही जित का आधार हो सकता है ! और यह फिर एक बार झाबुआ प्रभारी अरविन्द जोशी , कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल मेहता ,जेवियर मीणा , विक्रांत भूरिया , और भूरिया किचन केबिनेट की जिम्मेदारी है ! वरना लगातार पावर में रहने ,और चुनाव लड़ने से व्यक्तिगत एन टी इंकम्बेंसी बहुत भारी है  ! लोक सभा औऱ विधान सभा इस क्षेत्र में कांग्रेस हारी है ।