अहमदाबाद में भाजपा ने 21 में 16 सीटें जीतीं सूरत की 16 सीटों में १५ वडोदरा की 10 में से 9राजकोट में 8 में से 6 सीटें।यानी प्रदेश के चार बड़े शहरों की 55 सीटों में 46 भाजपा को मिली हैं।अब घड़ी भर को इन चार शहरों को अलग रख कर देखें। तोबाक़ी 127 सीटों में किसको क्या मिला -भाजपा - 53 कांग्रेस - 71अन्य को - ३ ज़ाहिर है, भाजपा की जीत महज़ चार शहरों की जीत है, समूचे गुजरात राज्य की तो नहीं। कल गुजरात चुनाव के नतीजे आए थे मैंने चुनाव के सारे आंकड़ों पर शोध किया तो निमनलिखित बातें उभरकर सामने आई :- अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, राजकोट यानी प्रदेश के चार बड़े शहरों की 55 सीटों में 46 भाजपा को मिली हैं, यह सभी वह शहर हैं जिनमें बहुत कम लगभग ना के बराबर वीवीपैट मशीन लगाई गई थी!! वागरा, गोधरा, धोलका, बोटाद, विजापूर और सूरत की सीटों पर यह माना जा रहा था व्यापारी जीएसटी और नोटबंदी के कारण बीजेपी को वोट नहीं देंगे लेकिन सभी सीटें बीजेपी जीत गई महत्वपूर्ण बात तो यह है यहां वीवीपैट मशीन लगी थी जिन्नकी गिनती करने से इलेक्शन कमीशन ने मना कर दिया!! इलेक्शन कमीशन ने कहा वीवीपैट पर्चियों का मिलान ईवीएम से नही होगा, सुप्रीम कोर्ट ने कहा हम दखल नही देंगे, ये दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का मजाक है/ तीन सीटें ऐसी रही जहां कांग्रेस की जीत चुनाव आयोग द्वारा घोषित की जा चुकी थी उसके बाद बीजेपी के आग्रह पर रीकाउंटिंग हुई और बीजेपी तीनों सीट जीत गई, अब सवाल ये उठता है दोबारा काउंटिंग में बीजेपी के वोट कैसे बढ़ गए ! गोधरा सीट कांग्रेस 108 वोटों से जीत गई थी फिर दोबारा काउंटिंग में गोधरा सीट बीजेपी ने 96 वोट से जीती, अगर तीसरी बार भी गिनती कर ली जाती तो मुमकिन था बीजेपी 9600 वोटों से जीत जाती ! गुजरात मे 50128 मतदान केन्द्र और सिर्फ 182 केन्द्रों पर वीवीपैट गिना गया, जब ईवीएम का वीवीपैट से मिलान ही नहीं करना तो वीवीपैट लगाई ही क्यों थी ? पहले डेढ़ घंटे कांग्रेस आगे थी क्योंकि बैलेट पेपर और पोस्टल पेपर की गिनती चल रही थी जैसे ही ईवी एम की गिनती शुरू हुई प्रजातंत्र के साथ के धोखेबाजी शुरू हुई ? बेडरोड़ गांव बूथ नंबर 19 मैं कुल वोटों की संख्या 1199 है इलेक्शन कमिशन पर बीजेपी को जिताने का भूत इस तरह सवार था की वोटों की गिनती 1776 कर दी जब की कुल वोट 1199 है ! भारत को ईवीएम चिप देने वाली कंपनी ने अमेरिका की अदालत में यह स्वीकार किया कि प्रोडक्ट की हैकिंग हो सकती है फिर इलेक्शन कमीशन यह क्यों कह रहा है हैक नहीं हो सकती ?लेकिन सब का निष्कर्ष एक ही है चुनाव आयोग, मीडिया और बीजेपी ने मिलकर बड़े योजनाबद्ध तरीके से गुजरात चुनाव पर काम किया और चुनाव जीता, इस बात का भी विशेष तौर पर ध्यान रखा गया सीटों की संख्या ओपिनियन पोल, एग्जिट पोल और फिर काउंटिंग में कैसे मैनेज की जाए ताकि लोग कम से कम संदेह करने की स्थिति में रहें क्योंकि 23 सीटें कांग्रेस 700 वोटों से कम के अंतर से हारी है और इनमें 3 सीट तो कांग्रेस जीत चुकी थी लेकिन दोबारा काउंटिंग में हार गई ! अगर देश के समूचे विपक्ष और जनता ने इन चालबाजियों से सबक नहीं लिया तो आने वाले लोकसभा चुनाव छल कपट और बेईमानी से की गई औपचारिकता होंगे ?
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