अलका और प्रदीप के प्रेम और आदर्श के 2 8 साल !
मित्रो ! औदुंबर ब्राह्मण समाज के पूर्व अध्यक्ष संत ह्रदय साथी प्रदीप जोशी एवं प्रगतिशील विचरो वाली आदर्श ग्रहणी श्रीमती अलका जोशी के साथ आज से 2 7 वर्षो पहले औदुंबर समाज की धर्मशाला में आयोजित परिचय सम्मेलन में जो क्रन्तिकारी सुखद हादसा हुआ उसकी मिसाल नही दोनों वर वधू को भी पांच मिनिट पहले तक अहसास नही की चंद घडियो में स्टेज पर वरमाला पहनाकर उनका आदर्श विवाह होने वाला है ! मौजूदा जन सैलाब के उत्साह और उमंग को शिरोधार्य कर वर माला पहनाकर आदर्श विवाह कर समाज को नई दिशा देने का काम भाषण से नही आचरण से दिया है / इस आदर्श विवाह हेतु इन दोनों की जितनी प्रसंशा की जाये कम है ! ये न अरेंज मैरिज है न लव मैरिज लेकिन दोनों की केमेस्ट्री आपसी तालमेल सामंजस्य और ऐसा स्नेह बहुत कम देखने को मिलता है की दोनों के लिये समाज सेवा पूजा है / मेरी राजेश शुक्ला और मनोज जोशी की इस विवाह में महती भूमिका रही जिसकी हमे आज भी प्रसन्नता है ! लेकिन मुझे अफसोस है की सारे समाज और उसके तथाकथित कर्णधारो की मौजूदगी में ये प्रसंशनीय कार्य हुआ जो समाज की युवा पीढ़ी को प्रेरणा और समाज को नई दिशा प्रदान करता है ! परन्तु इनकी सराहना और सम्मान की आज तक समाज ने पहल नही की इस आयोजन में बतौर अतिथि स्व सदाशिव दुबे और वरिष्ठ पत्रकार सतीश जोशी भी उपस्थित थे !
इस ब्लाक का उदेश्य आलोचना नही नई पीढ़ी को अवगत करना और पेरणा देने का है !
मित्रो ! औदुंबर ब्राह्मण समाज के पूर्व अध्यक्ष संत ह्रदय साथी प्रदीप जोशी एवं प्रगतिशील विचरो वाली आदर्श ग्रहणी श्रीमती अलका जोशी के साथ आज से 2 7 वर्षो पहले औदुंबर समाज की धर्मशाला में आयोजित परिचय सम्मेलन में जो क्रन्तिकारी सुखद हादसा हुआ उसकी मिसाल नही दोनों वर वधू को भी पांच मिनिट पहले तक अहसास नही की चंद घडियो में स्टेज पर वरमाला पहनाकर उनका आदर्श विवाह होने वाला है ! मौजूदा जन सैलाब के उत्साह और उमंग को शिरोधार्य कर वर माला पहनाकर आदर्श विवाह कर समाज को नई दिशा देने का काम भाषण से नही आचरण से दिया है / इस आदर्श विवाह हेतु इन दोनों की जितनी प्रसंशा की जाये कम है ! ये न अरेंज मैरिज है न लव मैरिज लेकिन दोनों की केमेस्ट्री आपसी तालमेल सामंजस्य और ऐसा स्नेह बहुत कम देखने को मिलता है की दोनों के लिये समाज सेवा पूजा है / मेरी राजेश शुक्ला और मनोज जोशी की इस विवाह में महती भूमिका रही जिसकी हमे आज भी प्रसन्नता है ! लेकिन मुझे अफसोस है की सारे समाज और उसके तथाकथित कर्णधारो की मौजूदगी में ये प्रसंशनीय कार्य हुआ जो समाज की युवा पीढ़ी को प्रेरणा और समाज को नई दिशा प्रदान करता है ! परन्तु इनकी सराहना और सम्मान की आज तक समाज ने पहल नही की इस आयोजन में बतौर अतिथि स्व सदाशिव दुबे और वरिष्ठ पत्रकार सतीश जोशी भी उपस्थित थे !
इस ब्लाक का उदेश्य आलोचना नही नई पीढ़ी को अवगत करना और पेरणा देने का है !
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