Sunday 10 June 2018

'' ब्राह्मण महिला संसद '' में प्रस्ताव --; 1- स्वर्ण आयोग का गठन -


1- स्वर्ण महिला आयोग का गठन -
विभिन  जातिगत  समीकरणो के मद्दे नजर सरकार ने  उनकी  सुरक्षा  तरक्की और विकास के लिए पर्याप्त  सुविधाए  यहां तक की  विशेष कानून  और  विशेष अदालत   तक प्रदान कि है , लेकिन समाज की दिशा तय करने वाले ब्राह्मण समाज के साथ छेड़छाड़ होने  कोइ सहानुभूति नहीं जबकि  दलित ,आदिवासी महिला को छेड़छाड़   पर 50 हजार  तत्काल बालात्कार की रिपोर्ट  होने पर 1 लाख रु तत्काल सहायता , और सामान्य महिला स्वयं अपने साथ हुई  ज्यादतीय  के  सबूत   ढूंढती   रहे   ये  कहाँ  का न्याय  है ?  अध्यक्ष महोदय ,आज  बड़ी तादात  में   नौजवान  लड़किया  महिलाये प्रायवेट नौकरी रोजगार मे हे उन्हें अपने काम के दरम्यान  अपने सहकर्मी या अधिकारी  की  हरकतों या स्वभाव के कारण   अनेक प्रकार की मानसिक और  शारीरिक  त्रासदी  से गुजरना पड़ता , लेकिन अपनी बदनामी या जॉब छूट जाने का  भय   , या आगे फिर घर वाले जॉब नहीं करने देंगे , एक नियोक्ता से पंगालिया तो अन्य जॉब नहीं मिलेगा ,  ये सोच  चुप रह जाती लेकिन अब ऐसा  नहीं चलेगा ,  अध्यक्षजी  हमारा प्रस्ताव है , जिस तरह अल्पसंख्यक आयोग , आदिमजाति कल्याण  ,पिछड़ावर्ग आयोग  है ,  इसी   तरह स्वर्ण महिला आयोग का गठन किया जाए ,जिसमे महिलाओ की समस्या  हेतु   संबंधितो को  कॉन्सलिंग कर  हिदायत दे , तथा  यहां सहायता हेतु  शिकायत करने वाली महिलाओ  का जॉब प्रमोशन अन्य सुविधा   सुरक्षित रहे ?  अध्यक्षजी  हमारी मांग है  की  शाश्कीय सेवारत  महिलाओ की तरह प्रायवेट  कम्पनियो में जॉब  करने वाली महिलाकर्मियों  को 6 माह   मेटेनिटी  लीव ,मेडिकल सुविधा अन्य नियम  कायदे , श्रम कानून  की तरह लागू हो , जिसकी मानिटिरिंग  स्वर्ण महिला आयोग करे /
अध्यक्षजी  कुल मिलाकर  हमारे कहने का अभिप्राय  है , प्रायवेट कम्पनियो में काम करने वाली महिलाओ को होने वाली रोजमर्रे की मुसीबत कठिनाई शोषण ज्यादती के खिलाफ उन्हें पुलिस कोर्ट कचहरी के झमेले से   पहले ,  महिला स्वर्ण आयोग से सहायता और शाश्कीय महिलाकर्मियों की तरह सुविधा   मुहैया  करने में सक्षम स्वर्ण  महिला आयोग का तत्काल गठन हो //  जय  हिन्द जय भारत



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