प्रायवेट सेक्टर में आरक्षण पदान करने का पूर्ण बहिष्कार किया जाना चाहिये , क्योकि सरकार की तुष्टिकरण की नीतियों से स्वर्ण बच्चो ने शाशकीय नौकरी की उम्मीद छोड़ ही दी है , अध्यक्ष महोदय , एक मध्य्यमवर्गीय परिवार अपना पेट काटकाट कर बच्चो को काबिल बनाता है ताकी अपनी योग्यता के आधार पर वह कुछ कर सके , क्योकि पड़ना और नौकरी करना स्वर्ण ब्राह्मण परिवारों की युवा पीढ़ी का मुख्य जीविकापार्जन का साधन है , यदि प्रायवेट सेक्टर में भी हमारी युवा तरुणाई को निराशा और हताशा ही हाथ लगेगी तो वे टूट जायेगे ,और यह हम अभिभावकों के लिए घोर चिंता का विषय है जिस पर विचार करना आवश्यक है।
No comments:
Post a Comment