पैतृक सम्पति में अधिकार पाने हेतु विशेष न्यायालय गठन करने की मांग और इस विषय में सामाजिक सोच में बदलाव ?
अध्यक्ष महोदय ,
महिलाओ के सम्मान और अधिकारों के लिये समय समय पर विभिन्न नियम कानून बनाये गए लेकिन उनका सही क्रियान्वयन नहीं होने से महिलाओ को इनका लाभ नहीं मिल पा रहा , जैसे महिलाओ को पैतृक सम्पति में पुरुष वारिस के सामान बराबरी का अधिकार तो है , लेकिन उसको पाने हेतु एक बहन अपने भाईयो के खिलाफ न्यायालय का दरवाजा खटखटाये तो सिविल कोर्ट , हाईकोर्ट , सुप्रीम कोर्ट तक जाए तो सारी उम्र बीत जाये '' हाथ पल्ले कुछ नहीं आये और ईश्वर प्रदत्त रिश्ता भी गँवाय।
इसलिये हमारी गुजारिश है , पैतृक सम्पति संबंधी विवादों और बटवारे हेतु विशेष न्यायालय गठित किये जाये फेमिकी कोर्ट की तरह पहले सम्बंधित पक्षों की कॉन्सलिंग हो , और समझौता नहीं होने की स्तिथि में फास्ट्रैक कोर्ट में इनका तत्काल फैसला हो , साथ ही अपने जन्मसिध्द अधिकार हेतु संधर्ष करने वाली महिलाओ के प्रति अपनी सोच को बदलना होगा ,उनके क्रन्तिकारी कदम की सराहना करना होगी उन्हें प्रोत्साहित करना होगा ?
अध्यक्ष महोदय ,
महिलाओ के सम्मान और अधिकारों के लिये समय समय पर विभिन्न नियम कानून बनाये गए लेकिन उनका सही क्रियान्वयन नहीं होने से महिलाओ को इनका लाभ नहीं मिल पा रहा , जैसे महिलाओ को पैतृक सम्पति में पुरुष वारिस के सामान बराबरी का अधिकार तो है , लेकिन उसको पाने हेतु एक बहन अपने भाईयो के खिलाफ न्यायालय का दरवाजा खटखटाये तो सिविल कोर्ट , हाईकोर्ट , सुप्रीम कोर्ट तक जाए तो सारी उम्र बीत जाये '' हाथ पल्ले कुछ नहीं आये और ईश्वर प्रदत्त रिश्ता भी गँवाय।
इसलिये हमारी गुजारिश है , पैतृक सम्पति संबंधी विवादों और बटवारे हेतु विशेष न्यायालय गठित किये जाये फेमिकी कोर्ट की तरह पहले सम्बंधित पक्षों की कॉन्सलिंग हो , और समझौता नहीं होने की स्तिथि में फास्ट्रैक कोर्ट में इनका तत्काल फैसला हो , साथ ही अपने जन्मसिध्द अधिकार हेतु संधर्ष करने वाली महिलाओ के प्रति अपनी सोच को बदलना होगा ,उनके क्रन्तिकारी कदम की सराहना करना होगी उन्हें प्रोत्साहित करना होगा ?
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