Tuesday 31 July 2018

कड़वा  सच  ? राष्ट्रीय सेवक संघ कभी व्यक्तिवादी नहीं रहा न किसी व्यक्ति पर कभी निर्भर होगा , वो एक विचार धारा है ! और इसीलिए , मोदी की व्यक्तिवादी राजनीती संघ को रास नहीं आ रही , अपने राजनैतिक अंहकार के चलते जिस तरह मोदी ने एक और शिवसेना , अकाली ,नितीश से पल्ला झाड़ना शुरू किया वही दूसरी और संघ के अनुवांशिक संगठनों विश्वहिंदू परिषद , स्वदेशी मंच , वनवासी आश्रम ,बजरंग दल संस्कार भारती धारा 370 , कॉमन सिविल कोर्ट , हिन्दू राष्ट्रवाद ,आदि को लूप लाइन में डाल कमजोर कर दिया ! वो समय दूर नहीं जब मोदी अपनी लोकप्रियता के बल पर , देश के अन्य  राजनैतिक दलों   के साथ साथ आर एस, एस के लिए भी चुनौती न बन जाये, अमित शाह की प्रलोभनकारी राजनीती की चासनी   संघ के आदर्श , राजनैतिक  शुचिता  सस्कार , निष्ठां राष्ट्रवाद , राम मंदिर , को डूबा ले जाय ? इसलिये  संघ  भावी नेतृत्व हेतु ,नितिन  गडकरी  को आगे बढ़ाने का  संध  का निर्णय  स्वागत योग्य है  ?

No comments:

Post a Comment