WHO कह रहा है कि अगर भारत में कोरोना फैला तो हालात बेकाबू हो जाएंगें।
लेकिन सरकार फिलहाल विधायकों को खरीदने में व्यस्त है। मप्र की सरकार गिराने में ज्यादा इंट्रेस्टेड है।
जहाँ एक ओर पूरा विश्व इस महामारी को गंभीरता से ले रहा है,वही हमारे यहाँ नेताओं द्वारा अभी भी रोड शो किये जा रहे हैं,,ये सोचे बगैर कि जो हजारों की भीड़ वो इकट्ठा करवा रहे हैं,,उनमें अगर एक व्यक्ति भी कोरोना इन्फेक्टेड हुआ तो क्या होगा..?
इस वक़्त अगर देश में एक सेंसिबल सरकार होती तो हर प्रकार की राजनीतिक गतिविधियों में रोक लगाती और कहती कि देश में इस समय आर्थिक और स्वास्थ्य इमरजेंसी है,,एक गंभीर "संकट-काल" है।सरकार बनाने या गिराने का काम हम बाद में करेंगें,,राज्यसभा चुनाव भी बाद में होंगें,,संसद में अन्य किसी राजनीतिक मसले पर चर्चा भी नहीं होगी,,फिलहाल हमारा एकमात्र ध्येय भारत को इस महामारी से बचाना होना चाहिए और शेयर बाजार को संबल प्रदान करना होना चाहिए।।
सरकार का वित्त विभाग इस समय कुछ नए ऐलान करके निवेशकों को राहत दे सकता था,डूबती हजारों कंपनियों को टैक्स राहत की घोषणा जैसा कुछ किया जा सकता है ,आप कल्पना करो अगर देश के ग्रामीण इलाकों और गरीब बस्तियों तक कोरोना पहुँचा तो आधी आबादी को बचा नहीं पायेंगें हम! शेयर बाजार की अगर यही दशा रही तो बैंक,बीमा कम्पनियां सब के सब बर्बाद हो जाएंगें और आपका सारा पैसा कागज के टुकड़ों में बदल जायेगा।।
No comments:
Post a Comment