२० हजार करोड़ रु खर्च कर नोट बंदी के ड्रामे के बाद, से बैंक लडख़ड़ाई धंधा ,व्यापार सब चौपट होने से बढ़ाता एन पी ए नहीं संभाल पा रही ? ऊपर से ३० हजार करोड़ रु जो नोट बंदी में जमा हुए , व्हाइट हो गए लोगो ने निकाला नहीं बैंक को ब्याज देना भारी पड़ रहा ? ऐसी विकट स्तिथियो में मिनिमम बेलेन्स ने संजीवनी का काम किया मिनिमम बेलेंस मेंटन न कर पाने वाले मध्यम वर्गीय लोगो से पेनल्टी के नाम पर तीन माह में २३६ करोड रु जबरन वसूले , क्योकि गरीब को तो प्रधान मंत्री जन धन खाता 0 बेलेन्स अमिर तो मॅक्झिमम बेलेंस कार्पोरेट्स के ब्याज पेनल्टी कर्ज माफ़ और डूबती बेको को बचाने हेतु ५० पतिशत लोन में छूट और ईमानदारी से जीवन व्यतीत करने वाला मध्यम वर्गीय भुगते अपनी जमा पर बैंक को पेनल्टी की मार /
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