मोदी और शाह देश और पार्टी को सौदागर की तरह चला रहे ?, बाबा रामदेव योग शिविर छोड़ डिस्ट्रीब्यूटरो को सेल्स के गुण सीखा रहे ? सारे चुनावी वादे कहाँ गये दो करोड़ रोजगार जो हर साल पैदा करने का वादा किये , नौजवान बच्चे मन्दी की मार से पन्नाह मांग लिये , छटनी की तलवार पर जीवन काट रहे ? नोटबंदी फेल हो गयी , बैंके निढाल हो गयी लडख़ड़ाती बैंको के लिए मिनिमम बेलेन्स मेंटेन न करने पर पेनल्टी बैंको को बचाने हेतु ढाल हो गयी , अपनी जमा रकम पर अपन जजिया कर दो , ये सरकार तो औरंगज़ेब की भी बाप हो गयी ?
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