Tuesday 18 July 2017

ये बात कोई तो समझाओ // राहुल गांधी


// कड़वा सच // कमलनाथ को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और सिंधिया को स्टार प्रचारक और मुख़्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करने के अलावा कांग्रेस के पास कोई विकल्प नहीं ? ये बात कोई तो समझाओ // राहुल गांधी ने मप्र में कांग्रेस की ओर से सीएम कैंडिडेटशिप के दावेदार ज्योतिरादित्य सिंधिया को दिल्ली बुला लिया है। उन्हे नेशनल मीडिया स्ट्रेटजी कमेटी में शामिल किया गया है। साथ ही कहा गया है कि वो डेली मीटिंग करेंगे। सिंधिया की इस पोस्टिंग से उनके प्रतिस्पर्धी कमलनाथ समर्थक काफी खुश नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि अब कमलनाथ का रास्ता साफ हो गया है, क्योंकि सिंधिया तो दिल्ली में ही रहेंगे।
कमलनाथ इस बार शायद अपने पेंशन प्लान पर काम कर रहे हैं। उनकी लोकप्रियता या योग्यता के सवाल पर बार-बार दोहराया जा रहा है कि उनकी उम्र हो गई है। अब उन्हे अगला मौका शायद नहीं मिलेगा। योग्यता के मामले में दावा किया जा रहा है कि वो सबसे अच्छे मैनेजर हैं। पार्टी के भीतर का मैनेजमेंट हो नेताओं की गुटबाजी का मैनेजमेंट हो या फिर चुनावों का मैनेजमेंट सभी में वह पार्टी के भीतर नंबर वन हैं।लेकिन ये सत्य है मंच पर शिवराज का सामना करने की स्थिति में कतई नहीं माने जा सकते।
वोट की ताकत जनता के हाथ में है और जनता सिंधिया के साथ है। बस एक खामी है कि वो गुटबाजी को खत्म नहीं कर सकते लेकिन महाराज ने अपनी सह्रदयता से दूरिया मिटाने की कोशिश शुरू कर दी है अर्जुनसिहजी की पुण्यतिथि पर सीधी जाकर कांग्रेस का दिग्विजयसिंह - अजयसिंह ग्रुप सिंधिया का स्वभाविक विरोध करता है जबकि सुरेश पचौरी , मुकेश नायक सिंधिया के साथ अपने आपको '' कंफर्ट महसूस करते ? कमलनाथ, सिंधिया की जोड़ी का फायदा उठाव कमलनाथजी को प्रदेश अध्यक्ष बनाओ वो सबको माला में पिरोह लेंगे और सिंधिया को मुख्यमंत्री चेहरा बनाव ? । दावा करते हैं कि इनके सामने आने पर गुटबाजी खत्म हो जाएगी। राहुल गांधी के सामने संकट यह है कि यदि कमलनाथ को आगे करते हैं तो जनता पसंद नहीं करेगी ? और यदि सिंधिया को आगे किया तो पार्टी के भीतर से खतरा है। फैसला अभी बाकी है। तो दोनों को साथ करदो ?

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