Sunday 1 May 2016

! ! कड़वा सच !! भाजपा और मायावती के बीच फिर रोमांस की तैय्यारी !

! ! कड़वा सच  !!   भाजपा   और  मायावती  के बीच  फिर  रोमांस  की  तैय्यारी !                                                                                                                                                                                                 विचारणीय प्रश्न हैं कि मायावती  उत्तर प्रदेश में भाजपा से मिलकर सरकार बना चुकी हैं, तब भी मुसलमान बसपा से जुड़े रहे और आज भी जुड़े दिखाई देते हैं। तुलनात्मक रूप से देखें तो बहुजन समाज पार्टी की नेता मायावती भी राज्य में मुस्लिम तुष्टिकरण, जातीय राजनीति से अलग हटकर कभी नहीं चली हैं, वह भी दलित-मुस्लिम गठजोड़ को सत्ता का एक मजबूत कारक मानती हैं, लेकिन मुलायम सिंह यादव की तरह से मायावती मुस्लिम राजनीति के दबाव में कभी नहीं देखी गईं। उन्होंने मुसलमानों का कोई भी दबाव कतई मंजूर नहीं किया, उनके राजनीतिक फैसलों पर नज़र डालें तो उत्तर प्रदेश में कोई भी मुसलमान नेता ऐसा नहीं है, जिसने मायावती के सामने अकड़कर चलने की हिम्मत दिखाई हो। हालांकि इसका कारण दलित वोट बैंक है, जिसक‌े दम पर मायावती ने जिसको चाहा राजनीति में ऊपर उठाया है और जिसे चाहा जमीन पर पटक दिया है, जबकि जामा मस्जिद दिल्ली के इमाम अहमद बुखारी जब चाहा सर-ए-आम सपा नेतृत्व को मुसलमानों की धौंस देकर हड़काते-दौड़ाते हैं, सपा सरकार से पूरा लाभ भी उठाते हैं, इसी तरह जब चाहा सपा सरकार के मंत्री आज़म खां गुर्राते-धमकाते हैं और मुलायम खानदान इनके सामने घुटने टेकता गिड़गिड़ाता और इन्हें मनमर्जी के 'पैकेज' देता नज़र आता है। मायावती सरकार में एकाध छिटपुट तनाव को छोड़कर कोई सांप्रदायिक दंगा भी नहीं हुआ, तब क्या कारण है कि सपा की सरकार आते ही राज्य में सांप्रदायिक दंगों, अपराधों और जातिवाद की बाढ़ सी आ जाती है? क्या कारण हैं कि सपा सरकार आने पर गुंडे, माफिया और सांप्रदायिक तत्व उत्पात मचाने और मनमर्जी करने लगते हैं? इनमें सपा के कुछ मुस्लिम नेताओं की हेकड़ी और संलिप्तता भी किसी से छिपी नहीं है। अखिलेश सरकार इनकी चुनौतियों का सामना करने के बजाय बचाव के रास्ते पर चलती आ रही है। मोदी और शाह  चाहते हे की  केंद्रीय राजनीती के लिये  उत्तर प्रदेश  में भाजपाई  मुख्य्मंत्री से जरूरी  मुलायमसिंह को सत्ता से खदेड़ना  है  और इसके लिए एकबार फिर  मायावती से रोमांस  की   तैय्यारी  है !

   

No comments:

Post a Comment