Monday 5 December 2016

इस देश के राजनैतिक भगवान ?

कड़वा सच ?  /// ? यह देश युगो तक मुगलो का गुलाम रहा वर्षो अंगेजो का फिर कांगेस का क्योकि हम मूर्ति पूजक लोग है हम साकार स्वरूप को पूजते हे निरंकार को नही इसलिये सिंदूर लगा पत्थर भी हमारा भगवान हो जाता है ! यही कारण हे व्यक्ति पूजा में हमारी सहज आसक्ति हो जाती है और हमे भी पता नही चलता ! इसीलिये इस देश में कई संत महात्माओ को अवतार मान पूजा जाता है / वही यहाँ की जनता अलग अलग क्षेत्रो में कामयाब लोगो को भगवान का दर्जा देने में भी देर नही कर करती क्रिकेट के क्षेत्र में सचिन तेंदुलकर और बॉलीवुड महानायक अभिताभ के तो मन्दिर बन चुके है और राजनीती के क्षेत्र में जयललिता की भी यही स्तिथि तमिलनाडु में रहेगी / इसीलिये  भारत की राजनीती भी व्यक्तिवाद पर आधारित है पहले देश ने गांधी नेहरू का फिर इंदिराजी का फोटो चला विपक्ष की मजबूरी थी उसके पास फोटो नही था ! इंदिराजी और राजीव ग़ांधी की मौत के बाद विपक्ष के पास  राम  का  फोटो हाथ लगा  अटलजी का फोटो  साथ रहा तीन चुनाव में अच्छी सफलता मिली फिर फोटो विहीन विपक्ष के सामने सोनिया, राहुल  ,प्रियंका का फोटो चला दस साल सरकार चली ! अब मोदी का फोटो देश में चल रहा है वो भी भगवान बनकर ! अन्य राज्यों में मुलायम ममता कभी मायावती लालू चलते रहे है ! केजरीवाल ऐसी श्रंखला में चल पड़े थे अगर सही चलते तो उनके फोटो में विकल्प की आपार संभावना थी लेकिन वो दिशाहीन हो गये ? नीति निर्धारण विकास महंगाई घोषणा पत्र राजनीतिक पार्टी सब गौण है ! फोटो महत्वपूर्ण है इस बात को मोदी भली भांति जानते है देश की नब्ज पहचानते है ? इसलिये पब्लिसिटी और मीडिया मैनेजमेंट को बखूबी सम्हालते है ! ये बात केजरीवाल भी जानते है ! अत: अपने अलावा आप में वो किसी को नही मानते है !
लेकिन इनके सामने प्रियंका गांधी अभी  भी सबसे बड़ी चौनोती बन सकती है ? क्योकि उसमे अपनी दादी इंदिराजी का अक्स नजर आता है और वो पीढ़ी अभी तो है जो इंदिराजी को जानती है, और जन भावनाओ को कुदेरना प्रियंका को भली भांति आता है / लेकिन देर हुई तो रामजी भली करे ?

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