Thursday 13 October 2016

// गुडगवर्नेस याने अच्छा चुस्त दुरुस्त प्रसाशन ?//

// गुडगवर्नेस याने अच्छा चुस्त दुरुस्त प्रसाशन ?//
गुडगवर्नेस का वादा करने वाली सरकार में आज भी कई अनगिनत विसंगतिया पूर्ण नीतियां चली आ रही है जो आम आदमी को बेवकूफ बना लूट रही है / अब दवाई कंपनियों को ही ले सरकार ने उन्हें अपने प्रोडक्शन की मन चाही कीमत निर्धारित करने की छूट दे रखी है / कंपनियां ५० से ६० परसेंट बढ़ाकर कीमत प्रिंट करती है ? क्योकि शासकीय अस्पताल में दवाई सप्लाय के टेंडर की शर्त रहती है की प्रिंट कीमत से कितना अधिक डिस्काउंट जो कंपनी दे वही सप्लाय करे अत: कंपनियां द्वारा इतनी बड़ी हुई कीमत प्रिंट की जाती / लेकिन खुले बाजार में प्रिंट कीमत पर बेचीं जाती है ? जो जानते है मोलभाव करने में एक्सपर्ट वो 30 डिस्काउंट ले लेते / लेकिन बाकी आम आदमी तो इतनी ऊँची कीमत पर दवाई लेने को मजबूर है / और अधिकतर तो अपनों की पीड़ा से पीड़ित ग्राहक पूछता भी नही न कीमत पड़ता है ? दवाई कंपनियों को कंट्रोल करने का काम ड्रग कंट्रोलर का है लेकिन आज तक आवाम के सामने एक भी बार यह विभाग अपनी उपस्तिथि भी नही दर्ज करा सका है ?

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