Monday 30 October 2017

दान की परम्परा की अनूठी मिसाल ?

भगवान शिव के परम् उपासक  औदुंबर महासभा के  संकट मोचन  स्व, सेठ हीरालालजी दुबे /तलावली / वर्तमान में राजमोहल्ला  निवासी  के  संस्कारी  पुत्र  सुरेश दुबे  एवं  पुत्रवधु  रेखा दुबे  ने अपने पिता की परम्परा को आगे बढ़ाते  हुये एकबार   पुन  १०१००० रु  धर्मशाला  निर्माण के अधूरे कार्य को पूर्ण करने हेतु  दान किया ,,ये महासभा  का सौभाग्य है  की  जब जब  उसे आर्थिक  कठिनाईयों का सामना करना पड़ा  ये परिवार /तन मन धन से  सहयोगी रहा , पूर्व  में धर्मशाला के नये  हाल  की छत डालने हेतु   अपने स्व पिता नारायणजी दुबे की स्मृति में  रु ५१ ०००  हजार रु  स्व सेठ हीरालालजी दुबे ने प्रदान किये थे /इसी   सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए नवीन  कक्ष  निमार्ण   करने हेतु  अध्यक्ष ओम  दुबे  को प्रेरित किया और रु 125000   दान प्रदान कर निर्माण  प्रारम्भ कराया  और अब पुन   नवनिर्मित  कमरों   में दरवाजे  खिड़की और अन्य कार्य पूर्ण करने हेतु  ''अन्नकूट महोत्स्व '' के अवसर पर रु  101000 का  दान  अपनी बड़ी माँ  अयोध्यादेवी हीरालाल दुबे तथा  स्वर्गीय दादी  अहिल्याबाई  की स्मृति में  प्रदान   करने की   की घोषणा  कर रु 50000  का चेक प्रदान किया ? ज्ञातव्य  है  दोनों   पति पत्नी   सभी  सामाजिक कार्यो चाहे वो सामूहिक विवाह हो   यज्ञोपवीत  ,अन्नकूट आदि में बढ़चढ़  यथा शक्ति मुक्त हस्त आर्थिक मदद प्रदान करते है , और इस  किदवंती को चरितार्थ करते  की स्व  हीरालालजी की  पेड़ी से कोई खाली नहीं जाता / में  गौरान्वित  हूँ की  में  ऐसे  दानवीर  सेठ  हीरालालजी का भाणेज  और सुरेश दुबे का अनुज  हूँ //

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