Friday 27 February 2015

ये जम्मू कश्मीर के वातावरण और देश की सेहत के लिए ठीक नही हुआ !

चुनाव के नतीजों ने जम्मू और कश्मीर को दो हिस्सों में विभाजित कर दिया। भा ज पा प्रभावी जम्मू जहां की जनता ने रष्ट्रवाद को अपनाया वही अलगाव वादियों से प्रभावित कश्मीर की जनता ने निमार्ण और विकास के बजाय आतंक और हिंसा में रूचि ली हे ! और सरकार बनाने के लालच में भाजपा ने भी इस स्वरुचि भोज में हिस्सा ले लिया।
एकबार पहले भी कश्मीर समस्या के लिए प्रयोग के तोर पर मुफ़्ती मोहम्मद स्ईद को गृहमंत्री के तोर पर आजमा के धोखा खाया हे। और अब एकबार फिर भाजपा ने कश्मीर समस्या को सत्ता की जल्दबाजी में बुरी तरह उलझाया हे। राष्ट्रभक्त संगठनो और देशप्रेमिओ को यह खेल पसंद नही आया हे।जिस धारा ३७० के विरोध के कारण ही भारतीय जनसंघ अस्तित्व में आई और भाजपा यहां तक पहुंची। उस पार्टी को अपनी विचारधारा से भटकाकर सत्ता के खेल में उलझाने  का श्रेय मोदी और शाह को जाता हे। भविष्य में इसके
दुषप्ररिणाम के लिए मोदी ही जवाबदार होगे।




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