भूमि अधिग्रहण बिल पर रजनीतिक बवाल खड़ा करने के पहले केंद्र सरकार को चहिये की पहले एक बार फिर से पुराने लेंड सीलिंग एक्ट को संशोधित कर फिर से लागु करे अभी तक जो विकास हुआ हे वो इस एक्ट की बदौलत ही हुआ हे। जमीन के जादूगरों ने इस एक्ट को ख़त्म कर वारे न्यारे कर लिए किसान की जमीन कोड़ियो
के दाम खरीद कर करोड़ो की करली और उनके दलाल अब इस पर राजनीती कर रहे हे। भूमि सीमा अधिनियम में सीमा तय थी की एक व्यक्ति शहरी क्षेत्र में कृषि क्षेत्र में सिचित ओर असिंचित कितनी जमीन धारण कर सकता हे। तय सीमा से अधिक भूमि देश के विकास और भूमिहिनो के लिये सीलिंग एक्ट में ली जावेगी क्या गलत था। उन लोगो को ज्यादा प्रेक्टिकल नॉलेज था जिन्होंने ये कानून बनाया था। ये संभव ही नही की ८० प्र. लोग कभी किसी एक बात पर सहमत हो और जब मामला जमीन का होतो कल्पना करना भी मूर्खता हे ,और जब जमीन ही नही होगी तो विकास कहा होगा आसमान में ! सीलिंग एक्ट होगा तो पात्रता से अधिक भूमि बचा ना मुश्किल होगा क्या किसान क्या व्यपारी क्या दलाल सब हो जाएगे निहाल ।
कड़वा सच .
कड़वा सच .
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