बेनर
कट आउट, पोस्टर माइक में रहने के लिए जो चंदे से आयोजन कराते वो कार्यक्रम
समाप्ति के साथ ही सपाट हो जाते , आयोजनों का भी अपना अलग अलग उदेश्य
होता है, कुछ लोग समाज सेवा के लिये तो कुछ समाज में अपनी मौजूदगी दिखाने
के लिये, खेर उदेश्य चाहे जो हो समाज का भला होना चाहिये ?अपने बच्चो
की शादियों में लाखो रु खर्च कर भव्यता का प्रदर्शन करने वाले समाज
सेवक , समाज से चंदा कर समाज के लोगो के बच्चो के लिये सामूहिक विवाह
आयोजित कर समाज को क्या मेसेज देना चाहते ?
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