कड़वा सच !
कहा गया हे स्वराज्य हमारा जन्म सिध्द अधिकार हे लेकिन क्या 69 वर्षो बाद भी हमे हमारा राज्य मिला ? हम तो आज भी अंग्रेजो के बनाये प्रशासनिक ढांचे के गुलाम हे और ब्योरोकेसी पूरी तरह हावी हे, कोई भी सरकार इनसे तालमेल बनाये बग़ैर चल नही सकती , और एवीएम मशीनी युग में तो इनके बगैर बन नहीं सकती इन पर कौन नकेल कसे ? ये भष्टाचार करेंगे जनप्रतिनिधि अपना हिस्सा ले और चुपचाप तमाशा देखे ! इसके आलावा उनके पास चारा भी क्या है , एक विधायक अफसर तो दूर एक चपरासी, एक बाबू , एक सिपाही के सामने लाचार है ! ये हमारा गणराज्य है ? मोदीजी गुडगवर्नेंस की दुहाई देते है , ये भ्रष्ट जनप्रतिधि और बिकाऊ ब्यूरोक्रेसी के भरोसे कुछ कर पाएंगे या टीवी पर अपनी छवि चमका कर कर ही काम चलाएंगे ! शिवराज तो इतनी मजबूत सरकार होने के बावजूद चाहकर भी पुलिस कमिशनरी प्रदेश मे लागु नहीं कर पाये,शराब बंदी की हिम्मत नहीं जुटा पाये ,? ब्योरोकेसी के आगे लाचार होकर हथियार डाल दिए ! देश की सारी व्यवस्था मीडिया पर आधारित है , और जो पूरी तरह से बिकाऊ है,आईये पेट्रोल ,डीजल , के सब्जियों की तरह रोज बदलते दाम , बैंक चार्जेस के नाम पर लूट खुलेआम , तो आईये , मंहगाई , मंदी की लाचारी बेबसी का गणतंत्र दिवस मनाये !
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाये !
कहा गया हे स्वराज्य हमारा जन्म सिध्द अधिकार हे लेकिन क्या 69 वर्षो बाद भी हमे हमारा राज्य मिला ? हम तो आज भी अंग्रेजो के बनाये प्रशासनिक ढांचे के गुलाम हे और ब्योरोकेसी पूरी तरह हावी हे, कोई भी सरकार इनसे तालमेल बनाये बग़ैर चल नही सकती , और एवीएम मशीनी युग में तो इनके बगैर बन नहीं सकती इन पर कौन नकेल कसे ? ये भष्टाचार करेंगे जनप्रतिनिधि अपना हिस्सा ले और चुपचाप तमाशा देखे ! इसके आलावा उनके पास चारा भी क्या है , एक विधायक अफसर तो दूर एक चपरासी, एक बाबू , एक सिपाही के सामने लाचार है ! ये हमारा गणराज्य है ? मोदीजी गुडगवर्नेंस की दुहाई देते है , ये भ्रष्ट जनप्रतिधि और बिकाऊ ब्यूरोक्रेसी के भरोसे कुछ कर पाएंगे या टीवी पर अपनी छवि चमका कर कर ही काम चलाएंगे ! शिवराज तो इतनी मजबूत सरकार होने के बावजूद चाहकर भी पुलिस कमिशनरी प्रदेश मे लागु नहीं कर पाये,शराब बंदी की हिम्मत नहीं जुटा पाये ,? ब्योरोकेसी के आगे लाचार होकर हथियार डाल दिए ! देश की सारी व्यवस्था मीडिया पर आधारित है , और जो पूरी तरह से बिकाऊ है,आईये पेट्रोल ,डीजल , के सब्जियों की तरह रोज बदलते दाम , बैंक चार्जेस के नाम पर लूट खुलेआम , तो आईये , मंहगाई , मंदी की लाचारी बेबसी का गणतंत्र दिवस मनाये !
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाये !
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