कहा गया है , Good to attack, instead of security और यही कमलनाथ ने दो भाजपा विधायकों को साथ लेकर किया ! भाजपा का दिशा हिन् प्रदेश नेतृत्व हतप्रद देखता रह गया , क्योकि कैलाश , राकेशसिंह या शिवराज , येदुरप्पा के सामान प्रदेश के स्वयंभू नेता नहीं है ,जो अपना राजनैतिक चातुर्य दिखा पाय , प्रदेश भाजपा में तो पत्ता भी तभी खड़कता जब दिल्ली से हवा आय , और अभी दिल्ली की हवा में कारपोरेट जगत की तगड़ी महक है , जो कमलनाथ की सरपरस्त है ! वैसे भी भाजपा हुक्मरान अमित शाह आत्ममुग्ध शिवराज से चाहते है '' माफ़ करो महाराज,'' कतई पसंद नहीं करते जनाब , इसलिये कैलाशजी को चुप- चाप पास बिठाया , और शिवराज को सदस्य्ता अभियान में भिड़ाया प्रदेश से बाहर दौड़ाया !
'' कमलनाथ पक्का व्यापारी है बारीक पीसने का आदि है , कितने भी प्रधान मंत्री हुये उसमे पावर आज भी हे ! पत्ते डाली सींचने के बजाय , सीधी जड में खाद डालने में माहिर भी है , प्रदेश सरकार चले इस बात की सुपारी मोदी , को ही दे डाली है '' तभी तो , झाबुआ विधायक सीट गिफ्ट कर सरकार में जान डाली है !
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'' कमलनाथ पक्का व्यापारी है बारीक पीसने का आदि है , कितने भी प्रधान मंत्री हुये उसमे पावर आज भी हे ! पत्ते डाली सींचने के बजाय , सीधी जड में खाद डालने में माहिर भी है , प्रदेश सरकार चले इस बात की सुपारी मोदी , को ही दे डाली है '' तभी तो , झाबुआ विधायक सीट गिफ्ट कर सरकार में जान डाली है !
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