Wednesday 31 July 2019

तीन तलाक , वाहवाही के लिए बनाया कानून आधा अधूरा है !

 तीन  तलाक  आधा अधूरा !!

 संसद  में बिल पास होने के बाद  कोई  भी   मुस्लिम  पति अपनी पत्नी  को तीन बार तलाक बोलकर तलाक नहीं दे सकता , लेकिन पहली पत्नियों को   बिना तलाक दिये  तीन शादी रचा सकता , तो महिला की तो ज्यादा दुर्गति होगी !, बेहतर होता तय   मैहर   की रकम  चुका  , पहली पत्नी को तलाक दे फिर अन्य शादी करे , महिला भी मैहर की रकम ले दूसरा  घर बसाने को स्वतंत्र हो !
लेकिन  व्यवहारिक परिस्तिथियों  को समझे बिना  सिर्फ  वाहवाही के लिए बनाया कानून आधा अधूरा है !
धरातल  पर हिन्दू  मरीज एक्ट  के तहत न्यायालय में सालो से हजारो तलाक के मामले अव्यवहारिक पेंचदी  पूर्ण कानून के   कारण   पेंडिग  पड़े , तलाक चाहने वाले  तलाक मांगते मांगते  बूढ़े  हो गए बच्चे बेबारे  हो रहे , कानून टाइम  पास  कर अपना  क्षेत्राअधिकार दिखा  फुला  नहीं  समा रहा !
इसलिए रोज पीड़ित  इस अव्यवहारिक कानून की छजिया  उड़ाकर  आपसी समझ बुझ से रोज  नोटरी  के माध्ययम से  तलाक अपना रहे ! इतने पर भी  जिम्मेदार लोग  नई  क़ानूनी पेचदगियाँ  खड़ी  कर फुले नहीं समा रहे !

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