Sunday, 27 November 2016
कड़वा सच ?
क्या रिजर्व बैक भी षड्यंत्रकारी नहीं है !
३०० करोड़ की सब सीडी लेकर डकारने के बाद भी टाटा का नेनो कारखाना बंद हो जाता है !
६००० हजार करोड़ रुपया बैक का पचाकर विजय माल्या और उसका बेटा एय्याशी में लिप्त हो किंग फिशर एयरलाइंस को डूबा ने का दांव खेल विदेश भाग जाता है ! कुल साढ़े चार लाख करोड़ से भी ज्यादा रुपया मात्र ३६ कार्पोरेट घरानो पर बकाया है ! जिसे बैंक ने डूबत ऋण मानते हुए यह मानलिया की वसूली संभव नही ! क्या रिजर्व बैंक का इन पर कोई नियंत्रण नही क्या नेशनलाइज बैंक केंद्र सरकार की दामाद है ? जो रिश्वत खाकर देश का रुपया फूक रहे ! वही दूसरी और सहकारी बैक जो देश की ८० प्रतिशत ग्रामीण जनता की आर्थिक जरूरते पूरी करते है/ उनकी विश्वसनीयता पर सरकार ने उन्हें नोटबंदी की कार्यवाही से दूर रख कर प्रश्नचिन्ह लगा दिया ? जब रिजर्व बैंक से निकले नए नोट पूरी तरह बैंक में पहुंचने के पहले लाखो की संख्या में ट्रेवल करते पकडे जाते ये फाल्ट किसका रिजर्व बैंक की संलिप्तता जगजाहिर हो चुकी है ? जबकि सहकारी बैंक को सरकार से या रिजर्व बैक से एक रूपये की सहायता भी नही दी जाती ! ये बैंक अपने निज प्रयासों से पैसा जमाकर सदस्यों की मदद करते है ! उन पर हजारो नियम कायदे दम घोटु वातावरण निर्मित कर इनके सदस्यो का नेचर और उनकी परिस्तिथियो को जाने समझे बिना विदेशी बैको के विस्तार के लिये एन पी ए का स्वांग कर इनको बंद कराने का षड्यंत्र क्या देश हित में है !
कड़वा सच ?
क्या रिजर्व बैक भी षड्यंत्रकारी नहीं है !
३०० करोड़ की सब सीडी लेकर डकारने के बाद भी टाटा का नेनो कारखाना बंद हो जाता है !
६००० हजार करोड़ रुपया बैक का पचाकर विजय माल्या और उसका बेटा एय्याशी में लिप्त हो किंग फिशर एयरलाइंस को डूबा ने का दांव खेल विदेश भाग जाता है ! कुल साढ़े चार लाख करोड़ से भी ज्यादा रुपया मात्र ३६ कार्पोरेट घरानो पर बकाया है ! जिसे बैंक ने डूबत ऋण मानते हुए यह मानलिया की वसूली संभव नही ! क्या रिजर्व बैंक का इन पर कोई नियंत्रण नही क्या नेशनलाइज बैंक केंद्र सरकार की दामाद है ? जो रिश्वत खाकर देश का रुपया फूक रहे ! वही दूसरी और सहकारी बैक जो देश की ८० प्रतिशत ग्रामीण जनता की आर्थिक जरूरते पूरी करते है/ उनकी विश्वसनीयता पर सरकार ने उन्हें नोटबंदी की कार्यवाही से दूर रख कर प्रश्नचिन्ह लगा दिया ? जब रिजर्व बैंक से निकले नए नोट पूरी तरह बैंक में पहुंचने के पहले लाखो की संख्या में ट्रेवल करते पकडे जाते ये फाल्ट किसका रिजर्व बैंक की संलिप्तता जगजाहिर हो चुकी है ? जबकि सहकारी बैंक को सरकार से या रिजर्व बैक से एक रूपये की सहायता भी नही दी जाती ! ये बैंक अपने निज प्रयासों से पैसा जमाकर सदस्यों की मदद करते है ! उन पर हजारो नियम कायदे दम घोटु वातावरण निर्मित कर इनके सदस्यो का नेचर और उनकी परिस्तिथियो को जाने समझे बिना विदेशी बैको के विस्तार के लिये एन पी ए का स्वांग कर इनको बंद कराने का षड्यंत्र क्या देश हित में है !
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