Monday 28 November 2016

भागते छुपते मिलते बिछुड़ते विपक्ष के लिये ?

  कड़वा सच ?//   //
भागते  छुपते  मिलते बिछुड़ते  विपक्ष  के लिये आज  भाजपा  नही  मोदी सबसे बड़ी  परेशानी  है ? अनाड़ी  विपक्ष  यदि समझदारी से काम लेता  और कालाधन  भ्रष्टाचार  के मुद्दे पर देश हित में आवाज मिलाता तो इस  आर्थिक क्रान्ति का मोदी अकेला  सारी लोकप्रिता का हक़दार नही हो पाता ? जिस तरह नितीश ने  अपनी इमेज  क्रिएट की  विपक्ष  समझ पाता  तो  सम्पूर्ण  क्रांति  का नारा   दोहराता  /  और  कांग्रेस को तो विचलित  होने की आवश्यकता ही नही  वो  इतने सारे सहयोगी दलो पर टिक्की थी की इतने  कड़े फैसले  लेना संभव नही था ?  आवश्यकता तो इस बात की थी  की  जंतर  मन्तर पर  अण्णा हजारे के मंच पर इस  विवशता   का एलान  सोनिया या राहुल ने जाकर करना था ? जब अन्ना चिल्ला चिल्ला के बुला  रहा था / अभी भी  वक्त है  मोदीजी ने पचास  दिन में सारी व्यवस्थाओ को ठीक ठाक  करने का  समय माँगा  है लेकिन  हालात स्पष्ट है की  इतनी  जल्दी इतनी अव्यवस्थाएं ठीक नही हो सकती  क्योकि  आपरेटर  कितना  भी  अच्छा हो मशनरी तो जंग खाई  हुई है  और  बैंकिग  व्यवस्था   ने अपना रंग  दिखा  ही दिया   किसके  तार  कहाँ  जुड़े  है  ?  उस पर ध्यान दो ? पचास  दिन  इंतजार करो  उसके बाद   समय  और परिस्तिथियो  के अनुसार  कार्यवाही को  अंजाम  दो  ?

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