कड़वा सच ? भीड़ लाइन और भगदड़ से हमारा पुराना रोज मरे का नाता है तीज त्यौहार पर मन्दिर मेले नदी घाट पर मात्र अफवाह फैलने से वीभत्स घटनाओ में जन धन की हानि आम बात है / तो देश के लिए लाइन लगाने में और कोइ अनहोनी हो जाने में हायतोबा क्यों ? आज जो थोड़े दिनों की तकलीफ है सब कुछ सामान्य होने के बाद देश की जनता सब भूल जायेगी ? लेकिन जो राजनेता कालेधन और भ्र्ष्टाचार का समर्थन कर है और इस कदम का विरोध कर देशवासियो को उकसाकर देश में आशांति और हिंसा भड़काने की भरसक कोशिश कर रहे जनता उन्हें मजा जरूर चखाएगी //
No comments:
Post a Comment