Saturday 26 November 2016

कड़वा सच ??
भारतीय राजनीती  वीभत्स  स्वरूप  ले  अपने   चरम  पर   है  क्योकि  भारत  के  विपक्ष  के  राजनेताओ  के सामने करो  या  मरो   के  सिवाय   कोई  रास्ता  नही है ?  जब  आदमी  की   दौलत  और  शोहरत  दोनों  एक  साथ लुट जाने  को  है ?  तो   उसके  बाद  जीने  की   वजह  ही  न रहेगी ? अत; ये लोग  किस भी  हद  तक  जा सकते अंदेशा  है कि  विरोध आंदोलन  के  दरम्यान  हिंसा और  अराजकता  का  सामना  सरकार को  करना  पड़  सकता है /

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