कड़वा सच ??
भारतीय राजनीती वीभत्स स्वरूप ले अपने चरम पर है क्योकि भारत के विपक्ष के राजनेताओ के सामने करो या मरो के सिवाय कोई रास्ता नही है ? जब आदमी की दौलत और शोहरत दोनों एक साथ लुट जाने को है ? तो उसके बाद जीने की वजह ही न रहेगी ? अत; ये लोग किस भी हद तक जा सकते अंदेशा है कि विरोध आंदोलन के दरम्यान हिंसा और अराजकता का सामना सरकार को करना पड़ सकता है /
भारतीय राजनीती वीभत्स स्वरूप ले अपने चरम पर है क्योकि भारत के विपक्ष के राजनेताओ के सामने करो या मरो के सिवाय कोई रास्ता नही है ? जब आदमी की दौलत और शोहरत दोनों एक साथ लुट जाने को है ? तो उसके बाद जीने की वजह ही न रहेगी ? अत; ये लोग किस भी हद तक जा सकते अंदेशा है कि विरोध आंदोलन के दरम्यान हिंसा और अराजकता का सामना सरकार को करना पड़ सकता है /
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