Thursday 16 April 2015

दिशा और दशा तय करने में देर करना ठीक नही !

 बिहार  सदेव से समाजवादी विचार धाराओ  से प्रभावित रहा हे क्योकि  बिहार की  मिटटी व् पानी में  अपने  अधिकारों  के लिए लड़ने की शक्ति हे  ये महर्षि  चाणक्य  की  कर्म  भूमि  हे ! देश की राजनीती में  बड़े बदलाव की शुरुआत हमेशा बिहार से हुई हे ! ये इस देश का दुर्भाग्य था की  राममोहर  लोहिया की असमय मृत्यु  हो गई और जयप्रकाश नारायण के साथ समाजवादी विचार  धारा का अंत !आज जो समाजवादी  हे वे सत्तावादी  बनकर रह गए हे ! अब इकठे  हुए  हे तो कोई ऐसा काम पहले करे की जनता में अपनी समाजवादी पहचान  बनाये और इसके लिए आंदोलन  से अच्छा  कोई माध्यम नही हे ! अगर  भूमि अधिग्रहण बिल के  विरोध में देश व्यापी जन आंदोलन खड़ा करने में सफल होजाए तो  इनका वजूद  बनेगा !
                          वरना सत्ता प्राप्ति का यह गठजोड़ अपनी बच्ची कुच्ची  जमीन और  मुलायम नितीश व् लालू की इज्जत  भी नही बक्शेगा ~ !

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