Thursday 23 April 2015

Aaeye Samajik Badalav me Saatha Nibhaye

सामूहिक विवाह  की सारर्थकता अधूरी हे यदि विवाह के बाद वर वधु पक्ष  व्यक्तिगत स्वागत समारोह कर
भोज आयोजित करते हे !फिजूल खर्ची सामाजिक कुप्रथा और आडंबरों  को समाप्त करने के उदेश्य से ये आयोजन किये जाते हे और इसमे सारे समाज की भागीदारी रहती हे और समाज  सामूहिक विवाह में सम्मिलित होने वालो  के इस कान्तिकारी  कदम की सराहना करता हे !और उनसे उम्मीद करता हे की वे ऐसा  कोई आयोजन नही करेंगे जो इस विवाह समारोह की  सफलता पर प्रश्नचिन्ह  लगा दे !आम धारणा   रहती हे सालो तक समाज दोस्त  आसपड़ोस गाँव कालोनी मोहल्ला के शादी ब्याह में जाते रहे खाते रहे  तो खिलाना  जरूरी  हे ! लेकिन आपको गलत फेमी हे  बुलाने वाले से ज्यादा खर्च आने वालो का होता हे लेकिन चुकी बुलाया हे बुरा न लगे अत: आना पड़ता हे ! वरना देखा जाए पंद्रह रूपये शेविग खर्च अस्सी रपये  कपड़े की लाँड्री  बाइक का पेट्रोल सो रपये !गिफ्ट अलग !देखा जाय एअक आदमी को पांच सो और औरत  की साडी लाँड्री  मेकअप कार  मिलकर आठ सौ  का खर्च बैठता हे इस तरह शादी में आने वाला पंदह सो से दोहजार  खर्च करता ! जबकि बुलाने वाला पांच सो रपये प्लेट भी समझो  तो  एक  हजार रु ये फिजूल खर्ची  किसके काम आई गार्डन वाले  के  केटरिगवाले के इस शादीने वर वधु को क्या दिया शादी के बाद दो चार लाख का  उधार ! ये बर्बादी किस लिये  !
        जितने   निकटस्थ हे सिर्फ  उन्हें बुलाये दिया लग्न करे आडंबरों से बचे फ़िजूल  खर्च  दिखावा  डेकोरेशन  से बचे और समाज को नई दिशा दे ! आपके इस   सदाचरण से आने वाली पीढ़ी आपकी अहसान मंद होगी !
 
               इस विषय पर समाज  के प्रतिभावान  युवक  युवतियों  का  विशाल  अखिल भारतीय  सम्मेलन
इंदौर  औदुंबर  महासभा के  तत्वाधान में  आयोजित  किया जाना  प्रस्तावित हे ! जो  वास्तविकता में  समाज को  नई दिशा देगा !  इस हेतु  इंदौर  महासभा के  पूर्व  अध्यक्ष श्री प्रदीप जोशी और अखिल भारतीय  महासंघ  के  राष्ट्रिय प्रवक्ता  धीरज दुबे  से सम्पर्क किया जा सकता हे !  आईये  सामाजिक  बदलाव में  साथ निभाये !
         

           


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