r देश के तमाम राजनीतिझ इस बात से भयर्कांत हे की राहुल ग़ांधी या सोनिया ग़ांधी प्रधान मंत्री बनना चाहते हे ! यदि ऎसा होता तो राजीव की मोत के बाद तत्काल सोनिया सहानुभूति लहर का सहारा ले सकती थी सलाहकारों की कमी नही थी ! लेकिन ये माँ अपने अनाथ बच्चो को लेकर डरकर घर में चुप हो गई ! उसने अपनी माँ समान सास को अपनी गोद में तड़पकर मरते और अपने पति के चीथड़े देखे थे कांगेस पार्टी की मिनवार और बच्चे की जिद से राजनीती में आई सरकार बनादी अल्पमत में भी दस साल चलादी !चाहती तो मनमोहनसिंह को हटा कभी भी राहुल को प्रधान मंत्री बना देती ! लेकिन वो एक माँ हे राजनीतिझ नही ! अपने बच्चो के लिए कोई जोखिम नही चाहती सारे आसमंजस्य और पारिवारिक तनाव का यही कारण हे ! वो खुद परेशान हे की देश की जवाबदारी जो उसके परिवार पर रही हे किसे सोपे पूर्व गवर्नर रिजर्व बेक का भी मुर्ख निकला ! भर्ष्टाचारी समाजवादी या सामंप्रदायिक भाजपाई जो देश तोड़ देंगे ! सोनिया गांधी सत्ता की राजनीती नही कर रही पारिवारिक जिम्मेदारी निभा रही हे ! जिस परिवार ने इस देश पर अपना सबकुछ निछावर कर दिया उसका उपहास करना हमे शोभा नही देता ! राजनैतिक विरोध की भी मयार्दा होती हे !
कड़वा _सच !
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कड़वा _सच !
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