Wednesday 22 April 2015

कमजोर कानून गुंडों की ताकत हे

घौस  दपड  कमजोर पर  अत्याचार कोई नई बात नही इनसे  पीछा  छूटना भी आसान नही ! पत्ते डालियो में खोजने से कुछ नही होगा  इसका इलाज जड़ से करना चहिये गुंडे बनना बंद हो जाए !सरकार चाहे तो  दुनिया का हर क्षेत्र  श्रेणियों  में बाटा  गया हे   फर्स्ट  सेकंड  थर्ड  आदि  ऐसे ही नागरिको  को श्रेणियों  रखा जाय  शरीफ क्रिमिनल  ! आदतन  अपराधी   व्यक्ति  न किसी की रिपोर्ट कर सकता हे  न उसे कोई पुलिस सहायता  प्रदान की जाए !उलटा  वो यदि  हरकत करे तो उसका प्रतिकार करने वाले लोगो  पर पुलिस केस न हो  क्योकि ये  गुंडे  कोई  लोहे  के    बने   हे  और आम आदमी  कम ताकतवर  हे ऐसा नही  आम आदमी  इनका प्रतिकार कर  जेल  कोर्ट  पुलिस से घबराता  हे ! यदि आम आदमी  को अपनी सुरक्षा की आजादी हो  गुंडों के खिलाफ  तो  नए तो 
बनेगे हिन्ही  पुराने सड़क पर निकलने में डरेंगे ! इसके  लिये  पुलिस को अपना नजरिया  और सरकार को कानून में  आंशिक फेर   बदल    करना होगा ! क्योकि कमजोर कानून आसानी से मिलती जमानत  गवाह और सबूतो का अभाव  न्याय  में लेट लतीफी  आदि   कमजोर कानून ही गुंडों की ताकत हे !

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